
दिल्ली पुलिस ने दिवाली से पहले सुरक्षा जांच के तहत पालिका बाजार से एक मोबाइल नेटवर्क जैमर जब्त किया है। पुलिस के अनुसार, रविवार को यह कार्रवाई की गई।
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त देवेश कुमार महला ने बताया, “त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए हमारी टीम्स सभी दुकानों, होटलों और सार्वजनिक स्थानों की सघन जांच कर रही हैं। विशेष जांच के दौरान एक टीम ने बाजार में एक संदिग्ध उपकरण पाया, जो मोबाइल नेटवर्क जैमर जैसा प्रतीत हो रहा था।” इसे तुरंत जब्त कर लिया गया।
महला ने आगे कहा, “हम मानक प्रक्रियाओं का पालन कर उपकरण की सत्यता की जांच कर रहे हैं। जनता से अनुरोध है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु के बारे में पुलिस को सूचित करें।”
जैमर क्या होता है?
जैमर एक ऐसा उपकरण है जो रेडियो सिग्नल भेजकर अन्य उपकरणों के संचार को बाधित करता है। यह मोबाइल नेटवर्क, जीपीएस और वाई-फाई सिग्नल को अवरुद्ध करने के लिए उपयोग किया जाता है।
भारत में जैमर का उपयोग और कानून
भारत में सेलुलर सिग्नल जैमर, जीपीएस ब्लॉकर, या अन्य जामिंग उपकरणों का उपयोग आम तौर पर अवैध है। केवल कुछ सरकारी एजेंसियों को ही इसका उपयोग करने की अनुमति है। निजी व्यक्तियों या व्यवसायों को जैमर खरीदने या इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। जैमर का आयात, बिक्री, या विज्ञापन भी गैरकानूनी है।
निजी व्यक्ति जैमर का आयात नहीं कर सकते
विदेश व्यापार (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1992 के तहत जैमर एक प्रतिबंधित वस्तु है और इसका आयात करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से लाइसेंस की आवश्यकता होती है। केवल कुछ सरकारी एजेंसियां जैसे केंद्रीय मंत्रालय, रक्षा बल, और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) ही जैमर का उपयोग कर सकती हैं, और उन्हें केवल मान्यता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माताओं से ही जैमर खरीदने की अनुमति है।

VIKAS TRIPATHI
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