Sunday, July 6, 2025
Your Dream Technologies
HomePoliticsअब भाजपा की कमान संभालेगा कौन? जेपी नड्डा तो राज्यसभा नेता सदन...

अब भाजपा की कमान संभालेगा कौन? जेपी नड्डा तो राज्यसभा नेता सदन हो गए….2 नामों पर चर्चा तेज

लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में पार्टी के लचर प्रदर्शन और तीन महीने बाद अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए विनोद तावड़े कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। मराठा समुदाय से आने वाले तावड़े विधानसभा चुनाव में पार्टी के जनाधार को वापस लाने में सहायक हो सकते हैं। वर्तमान में विनोद तावड़े पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।

नई दिल्ली: जेपी नड्डा के राज्यसभा में नेता सदन बनाए जाने के बाद भाजपा को जल्द ही नया कार्यकारी अध्यक्ष मिलने की अटकलें तेज हो गई हैं। नियम के अनुसार जनवरी में भाजपा के स्थायी अध्यक्ष का चुनाव होना है, तब तक के लिए पार्टी का संसदीय बोर्ड किसी वरिष्ठ नेता को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकता है।

विधानसभा चुनावों को लेकर बढ़ी आवश्यकता

हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में अगले छह महीने के भीतर होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए संगठन के लिए पूरा वक्त देने वाले अध्यक्ष की जरूरत बढ़ गई है। जेपी नड्डा के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण और रसायन व उर्वरक मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद से भाजपा के लिए नए कार्यकारी अध्यक्ष की चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन एक विकल्प के रूप में नड्डा को नए अध्यक्ष के चुनाव तक बनाए रखने की बात भी हो रही थी। लेकिन उनके संसदीय दल का नेता बनाए जाने के बाद नए कार्यकारी अध्यक्ष को पार्टी की जिम्मेदारी देना तय माना जा रहा है।

ध्यान देने की बात है कि 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के सरकार में गृहमंत्री बनने के बाद जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और 2014 में राजनाथ सिंह के गृह मंत्री बनने के बाद यह जिम्मेदारी अमित शाह ने खुद संभाली थी। अधिकांश बड़े नेताओं के सरकार में शामिल होने के बाद भाजपा के लिए कार्यकारी अध्यक्ष के विकल्प सीमित रह गए हैं।

विनोद तावड़े पार्टी की पहली पसंद

लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में पार्टी के लचर प्रदर्शन और तीन महीने बाद अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए विनोद तावड़े कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। मराठा समुदाय से आने वाले तावड़े विधानसभा चुनाव में पार्टी के जनाधार को वापस लाने में सहायक हो सकते हैं। विनोद तावड़े अभी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।

सुनील बंसल को लेकर भी अटकलें तेज

वहीं, 2014, 2017, 2019 और 2022 में उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी जीत दिलाने की रणनीति बनाने में सहयोगी रहे सुनील बंसल भी कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में बताए जा रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव के रूप में सुनील बंसल को इस बार पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना की जिम्मेदारी दी गई थी।

पश्चिम बंगाल में भाजपा पिछले प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई और एक तिहाई सीटें कम हो गईं, लेकिन ओडिशा में भाजपा पहली बार सरकार बनाने के साथ-साथ 21 में से 20 सीटें जीतने में सफल रही। इसी तरह तेलंगाना में भाजपा की सीटें दोगुनी हो गईं। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संगठन में मौजूदा अहम चेहरे के अलावा किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकता है।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button