
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड में से एक तहव्वुर हुसैन राणा अब जल्द ही भारत की सरज़मीं पर होगा. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से उसकी प्रत्यर्पण याचिका खारिज होने के बाद भारत सरकार की एजेंसियों ने उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक उच्चस्तरीय भारतीय टीम अमेरिका में आवश्यक कागज़ी कार्रवाई पूरी कर रही है, और जल्द ही राणा को भारत लाया जाएगा।
राणा की चार्जशीट से खुलासा—एनआईए के जांबाज़ अफसर स्वयं प्रकाश पानी ने की थी गहन जांच
तहव्वुर राणा के खिलाफ दायर चार्जशीट में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के उस अफसर का नाम प्रमुखता से दर्ज है, जिसने मामले की तह तक जाकर जांच की—स्वंय प्रकाश पानी. वह देश के सबसे युवा कश्मीर रेंज आईजी रहे हैं और आतंकवाद से जूझते दक्षिण कश्मीर में निर्णायक कार्रवाइयों के लिए जाने जाते हैं।
पानी 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। कुलगाम, कठुआ जैसे संवेदनशील जिलों के एसपी रहने के बाद वे साउथ कश्मीर के डीआईजी बने, जहां उनके कार्यकाल में कई शीर्ष आतंकी कमांडरों का सफाया हुआ। इसके बाद उन्हें दिल्ली में कैबिनेट सचिवालय में नियुक्त किया गया।
अमेरिकी अदालत में राणा ने दी थीं ये ‘पीड़ित’ दलीलें
64 वर्षीय तहव्वुर राणा, जो कनाडा का नागरिक है और फिलहाल लॉस एंजेलिस के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है, उसने अमेरिका की अदालत में प्रत्यर्पण से बचने की पूरी कोशिश की। उसने कहा कि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है और साथ ही पाकिस्तान की आर्मी का पूर्व अधिकारी भी रहा है—इसलिए भारत में उसे ‘क्रूरता’ का शिकार बनाया जा सकता है।
उसने अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे पार्किंसन और दिल की बीमारी का भी हवाला देते हुए कहा कि भारत में हिरासत के दौरान उसकी हालत बिगड़ सकती है। लेकिन न्यायमूर्ति कगन ने उसकी तमाम दलीलें खारिज कर दीं।
राणा का अपराध: 166 मासूमों की हत्या में शामिल
राणा, डेविड हेडली का साथी रहा है—वही हेडली जिसने 2008 में मुंबई हमले की पूरी रेकी कर पाकिस्तानी आतंकियों को पूरी रणनीति दी थी। इस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।
आतंकियों ने ताज होटल, नरीमन हाउस, सीएसटी स्टेशन जैसे अहम ठिकानों को 60 घंटे तक बंदूक की नोक पर कब्ज़े में रखा और निर्दोषों की जान ली।
मोदी-ट्रंप मुलाकात में आया था राणा का जिक्र
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा था कि अमेरिका एक “शातिर अपराधी” को भारत प्रत्यर्पित करेगा। अब साफ हो चुका है कि वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि तहव्वुर राणा ही था।
अब क्या आगे?
राणा के भारत आते ही NIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उससे विस्तार से पूछताछ करेंगी। इस पूछताछ से 26/11 हमले की बाकी कड़ियों को जोड़ने में बड़ी मदद मिल सकती है। वहीं भारत अब दुनिया को यह दिखाने जा रहा है कि भले ही न्याय में देरी हो, लेकिन दोषियों को बच निकलने नहीं दिया जाएगा।

VIKAS TRIPATHI
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