संसद के शीतकालीन सत्र से पहले INDIA गठबंधन में असहमति
लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए बनाए गए INDIA गठबंधन में अब बिखराव नजर आ रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए गठबंधन के दलों में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पा रही है।
एक तरफ कांग्रेस चाहती है कि गौतम अडानी और ईवीएम को प्रमुख मुद्दा बनाकर सदन में उठाया जाए, वहीं टीएमसी, सपा और आम आदमी पार्टी (AAP) जैसे दल जनता से सीधे जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहते हैं।
राहुल गांधी की अगुवाई में बैठक, लेकिन TMC ने बनाई दूरी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने INDIA ब्लॉक की बैठक बुलाई, जिसमें राहुल गांधी ने रणनीति पेश की। उन्होंने कहा कि क्रोनी कैपिटलिज्म और ईवीएम जनता के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
हालांकि, टीएमसी ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया। पार्टी ने कहा, “हम केवल जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार से भिड़ेंगे। क्रोनी कैपिटलिज्म और ईवीएम जैसे मुद्दे लोगों को नहीं भाते।”
टीएमसी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
टीएमसी ने सवाल उठाते हुए कहा, “जिन इलाकों में राहुल गांधी ने प्रचार किया, वहां कांग्रेस क्यों हारी? अगर उनके मुद्दे जनता के लिए महत्वपूर्ण होते, तो नतीजे अलग होते।”
सपा और AAP का भी समर्थन
सपा और आप ने भी टीएमसी का समर्थन किया। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, “हमारे लिए किसान, बेरोजगारी, महंगाई और संभल हिंसा जैसे मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं, न कि अडानी या ईवीएम।”
क्या चाहते हैं सहयोगी दल?
- टीएमसी: महंगाई, बेरोजगारी, किसान समस्याएं, उर्वरक संकट और मणिपुर हिंसा पर चर्चा।
- सपा: इन मुद्दों के साथ संभल हिंसा को भी जोड़ा जाए।
- आप: दिल्ली में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार।
गठबंधन में दरार की असली वजह?
दिल्ली में आप और कांग्रेस का सहयोगी न होना, बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस की आपसी असहमति, और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव का कांग्रेस को “खत्म” मान लेना, इन मतभेदों को और गहरा कर रहे हैं।
VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।