Wednesday, October 29, 2025
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पाकिस्तान के मंसूबे फेल: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और नौसेना प्रमुख के मनगढंत वीडियो फैक्ट-चेक

हाल ही में सोशल मीडिया पर भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के ऐसे वीडियो तेजी से फैल रहे थे जिनमें दोनों को सरकार/सेना के खिलाफ संदिग्ध बयान देते दिखाया गया—पर ये सब छेड़छाड़ (डिजिटल मैनिपुलेशन/डीपफ़ेक) निकला है। केंद्रीय समाचार एजेंसी PIB (Press Information Bureau) की फैक्ट-चेक टीम ने इन वीडियोज़ को नकली बताते हुए उनके पीछे खलनायकों के इरादों का पर्दाफाश किया है।

क्या फैलाया जा रहा था और क्यों यह फर्जी है

सोशल पोस्ट्स में दिखाया जा रहा क्लिप ऐसे संदेश दे रहा था कि CDS चौहान पाकिस्तान से पंगा न लेने की बात कह रहे हैं या भारत के नुकसान को स्वीकार कर रहे हैं — जबकि PIB ने स्पष्ट किया है कि जनरल चौहान ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया और वायरल क्लिप डिजिटल रूप से संशोधित की गई है। यही नहीं, तथ्य-जांच एजेंसियों ने पाया कि ऑडियो-वीडियो को संशोधित कर वास्तविक फुटेज में नई बोल-चाल जोड़ी गई (डीपफ़ेक तकनीक)।

इसी तरह नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी का भी एक वायरल क्लिप चलाया जा रहा था जिसमें उन्हें यह बोलते दिखाया गया कि ऑपरेशन ‘सिंडूर’ के दौरान सरकार ने कार्रवाई रोकी और उससे वायुसेना को नुकसान हुआ — PIB और अन्य फैक्ट-चेकर्स ने यह वीडियो भी डिजिटल तरह से बदला हुआ करार दिया और दावा किया कि एडमिरल ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया।

उद्देश्य और असर

जानकारी देखने पर स्पष्ट होता है कि इन फर्जी क्लिपों को कुछ पाकिस्तान-समर्थित और मैलिशियस (दुष्प्रचार) अकाउंट्स द्वारा फैलाया जा रहा था—मकसद सार्वजनिक मनोबल बिगाड़ना, सेना व सरकार के खिलाफ भ्रांतियाँ फैलाना और तनाव बढ़ाना है। ऑपरेशन जैसी संवेदनशील घटनाओं के संदर्भ में ऐसी फर्जी सूचनाएँ तुरंत ही राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक शांति के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

जानें — कैसे पहचानें और क्या करें

1.सोशल पोस्ट देखकर तुरंत साझा न करें। संदिग्ध वीडियो/क्लिप मिलने पर पहले आधिकारिक स्रोत (PIB, रक्षा मंत्रालय, आधिकारिक X/ट्विटर हैंडल) देखें।

2.वीडियो के असल स्रोत की जाँच करें — क्या वही क्लिप किसी भरोसेमंद मीडिया या सरकारी चैनल पर उपलब्ध है? अगर नहीं, तो सतर्क रहें।

3.वैरिएंट/ऑडियो-वीडियो के मिलान पर ध्यान दें — डीपफेक में आवाज़ या होंठ-हरकत असंगत दिखती है; प्रकाश, फेस शैडो और आवाज़ में कट-पेस्ट के निशान मिलते हैं।

4.फैक्ट-चेक रिपोर्ट देखिये — PIB व अन्य भरोसेमंद फैक्ट-चेकर्स समय-समय पर ऐसी गलत जानकारियों को उजागर करते रहते हैं; उनकी रिपोर्ट पढ़कर ही आगे का कदम उठाएं।


डिजिटल मैनिपुलेशन (डीपफेक) अब बहुत परिष्कृत हो गया है और इसका इस्तेमाल बदनाम रणनीतियों के लिए किया जा रहा है। जन-हित व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं के साथ हमेशा सावधानी बरतें — आधिकारिक स्रोत से पुष्टि के बिना कोई संवेदनशील वीडियो साझा न करें। PIB और अन्य विश्वसनीय फैक्ट-चेक यूनिट्स ने इन वायरल क्लिपों को फर्जी करार दिया है और जनता से सतर्क रहने का आग्रह किया है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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