
Ghazipur MP Afzal Ansari’s Statement on Mahakumbh:गाजीपुर: माघी पूर्णिमा और संत रविदास जयंती के अवसर पर संगम तट पर महाकुंभ में उमड़ी भारी भीड़ को लेकर गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी का बयान इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। शादियाबाद में आयोजित संत रविदास जयंती कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए अंसारी ने महाकुंभ स्नान पर कटाक्ष करते हुए कहा, “संगम तट पर नहाकर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा, जिसका मतलब है कि आगे बैकुंठ में जाने का रास्ता खुल जाएगा। भीड़ देखकर ऐसा लग रहा है कि अब नर्क में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग में हाउसफुल का बोर्ड लग जाएगा।”
अंसारी के इस बयान के बाद राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में हलचल मच गई है। जहां सनातन धर्म के अनुयायी महाकुंभ में स्नान को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मानते हैं, वहीं अंसारी के इस बयान को कई लोग उनकी राजनीतिक शैली और कटाक्ष भरी बयानबाजी के तौर पर देख रहे हैं।
महाकुंभ में उमड़ी रिकॉर्ड तोड़ भीड़
माघी पूर्णिमा के अवसर पर संगम तट पर स्नान करने के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग पहुंचे। माना जाता है कि इस पवित्र स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस ऐतिहासिक आयोजन में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक थी कि रेलवे और प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई। ट्रेनें खचाखच भरी हुई थीं, लोग एक-दूसरे पर गिरे पड़े थे, और अव्यवस्था का आलम ऐसा था कि कई जगह भगदड़ जैसे हालात पैदा हो गए।

संत रविदास जयंती कार्यक्रम के दौरान अंसारी ने केवल महाकुंभ भीड़ पर ही नहीं, बल्कि रेलवे व्यवस्था पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “ट्रेनों की हालत यह हो गई है कि लोग खिड़कियों के शीशे तोड़ रहे हैं, महिलाएं अंदर कांप रही हैं, बच्चों को गोद में छुपाकर रो रही हैं। पुलिस वाले भीड़ से बचने के लिए परेशान हैं और टीटी ने अपना काला कोट उतारकर झोले में रख लिया है कि कहीं भीड़ से उनकी पिटाई न हो जाए।”
अंसारी ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि 15 से 20 साल की उम्र के लड़के ट्रेनों में तोड़फोड़ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतनी भीड़ की कल्पना प्रशासन ने भी नहीं की थी, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। “भगदड़ में कितने लोग मरे, इसका सही आंकड़ा आज तक नहीं मिल पाया, लेकिन लौटने वाले लोग मौत के मंजर को बयां कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक बयानबाजी या कटाक्ष?
अंसारी के इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। कई लोग इसे सनातन धर्म की मान्यताओं पर कटाक्ष बता रहे हैं, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि सांसद ने भीड़ प्रबंधन और अव्यवस्था की ओर इशारा किया है।
संत रविदास जयंती कार्यक्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे, जिन्होंने अंसारी की बातों का समर्थन किया और रेलवे की अव्यवस्था को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
महाकुंभ और आस्था पर असर
महाकुंभ सनातन धर्म में आस्था का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। ऐसे में अंसारी का यह बयान कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है। हालांकि, कुछ लोगों ने इसे एक व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी के रूप में भी लिया है।
अब देखना यह होगा कि अंसारी के इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या यह बयान आने वाले समय में कोई नया विवाद खड़ा करेगा या नहीं।