
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की धमाकेदार जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति (BJP, शिंदे सेना और अजित पवार की NCP) ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि महा विकास अघाड़ी (MVA) का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। MVA का कुल वोट शेयर 33.65% रहा, जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की NCP (शरद पवार गुट) शामिल थे।
छोटे दलों और निर्दलीयों का बेहतर प्रदर्शन
MVA की तीनों बड़ी पार्टियों से भी ज्यादा प्रभावशाली प्रदर्शन छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का रहा। अन्य छोटे दलों ने 12 सीटें जीतकर 18.18% वोट शेयर हासिल किया, जो कांग्रेस (12.52%), शरद पवार की NCP (11.28%), और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (9.85%) से काफी बेहतर है।
इन दलों ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की:
- समाजवादी पार्टी (SP)
- जन सुराज्य शक्ति (JSS)
- राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी
- राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSP)
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
- पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (PWP)
- राजर्षि शाहू विकास अघाड़ी (RSVA)
- निर्दलीय उम्मीदवार
शिवसेना बनाम शिवसेना
महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना का आंतरिक संघर्ष भी चर्चा का केंद्र रहा। एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा और 57 सीटें जीत लीं, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना 95 सीटों पर चुनाव लड़कर मात्र 20 सीटों पर ही सिमट गई। शिंदे गुट ने उद्धव सेना से तीन गुना ज्यादा सीटें जीतीं।
NCP बनाम NCP
NCP में भी बगावत के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिला। अजित पवार की अगुवाई वाली NCP ने 59 में से 41 सीटें जीतीं, जबकि शरद पवार की NCP 86 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ 10 सीटें ही जीत पाई। चाचा-भतीजे के बीच 29 सीटों पर सीधी टक्कर हुई, जिसमें अजित पवार ने शरद पवार को मात देते हुए चार गुना ज्यादा सीटें हासिल कीं।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र चुनाव ने दिखाया कि महा विकास अघाड़ी न केवल महायुति के सामने कमजोर साबित हुई, बल्कि छोटे दलों और निर्दलीयों के सामने भी पिछड़ गई। कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार गुट के लिए यह नतीजे आने वाले समय में बड़े बदलाव की मांग कर रहे हैं।