
माले: मालदीव और भारत के बीच पर्यटन क्षेत्र को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है, जिसमें निवेश और विकास के संभावित अवसरों का अन्वेषण किया जा रहा है। शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि माले के दक्षिण में स्थित एक एटोल में पर्यटन क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर गहन बातचीत की गई।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब कुछ दिन पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा के दौरान भारत को मालदीव के लिए “सबसे बड़े पर्यटन स्रोत बाजारों में से एक” करार दिया था और उम्मीद जताई थी कि अधिक भारतीय पर्यटक उनके द्वीप-समूह वाले देश का दौरा करेंगे।
इस यात्रा के दौरान 7 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने व्यापक आर्थिक और समुद्री सहयोग के लिए एक नई रूपरेखा पेश की, जिससे यह संकेत मिला कि 2023 के अंत और 2024 की शुरुआत में आई खटास के बाद दोनों देशों के रिश्तों में नया मोड़ आ सकता है।
शुक्रवार को राज्य-नियंत्रित PSM मीडिया ने बताया कि मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने भारतीय उच्चायुक्त मुन्नू महावर के साथ ला-अमू एटोल में बरेसधू और गाढ़ू में पर्यटन विकास के अवसरों पर चर्चा की।
फैसल ने एक्स पर कहा कि यह एक “उत्पादक यात्रा” थी जिसमें महावर के साथ उन्होंने पर्यटन निवेश और विकास के लिए “रोमांचक संभावनाओं” का जायजा लिया। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने ला-अमू एटोल में बरेसधू और गाढ़ू द्वीपों का दौरा किया, जहां पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। फैसल ने पोस्ट में कहा, “इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन विकास स्थल के रूप में देखा और द्वीप की प्राकृतिक सुंदरता और विरासत को संरक्षित करते हुए विकास के नए अवसरों को कैसे अनलॉक किया जा सकता है, इस पर चर्चा की।”
महावर ने फैसल की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पर्यटन क्षेत्र हमारे द्विपक्षीय सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है और हम मालदीव सरकार के साथ इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए निकटता से काम करने की उम्मीद करते हैं।” मालदीव में पर्यटन अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ है, जो GDP का लगभग 30 प्रतिशत और विदेशी मुद्रा का 60 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है।
भारत और मालदीव के बीच व्यापार संबंधों को मजबूती देने के प्रयासों के बीच उच्चायुक्त का यह दौरा हुआ है।
हाल ही में मुइज्जू की भारत यात्रा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मुइज्जू ने पिछले साल ‘इंडिया आउट’ अभियान के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीता था और शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर भारत से अपने देश में तैनात सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का अनुरोध किया।
द्विपक्षीय संबंध तब और बिगड़ गए जब मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लक्षद्वीप की तस्वीरें साझा करने पर आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं। इसके बाद ‘बॉयकॉट मालदीव’ के आह्वान के चलते भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखी गई।
इस बीच, दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से 10 मई तक भारतीय सेना का दल मालदीव से लौट आया। जनवरी में हुए राजनयिक विवाद और भारतीय पर्यटकों द्वारा बहिष्कार के बाद चीन ने सबसे अधिक पर्यटकों की संख्या के मामले में भारत को पछाड़ दिया और भारत जो 2023 में पहले स्थान पर था, कुछ ही महीनों में छठे स्थान पर आ गया।
मालदीव पर्यटन मंत्रालय द्वारा 22 अक्टूबर को प्रकाशित ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 16,08,953 अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आए और इसमें भारत छठे स्थान पर है, भारतीय पर्यटकों की संख्या 97,049 रही।

VIKAS TRIPATHI
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