
Waqf Amendment Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशकों से वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता की कमी थी, जिससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब और पसमांदा मुसलमानों को नुकसान होता था। संसद द्वारा नया वक्फ कानून पारित किए जाने के बाद अब यह स्थिति बदलने वाली है।
प्रधानमंत्री ने संसद में इस कानून का समर्थन करने वाले सभी सांसदों और सुझाव देने वाले नागरिकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह न्याय और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लंबे समय से हाशिए पर पड़े लोगों को मदद और अवसर मिलेंगे।
क्या है वक्फ बिल और क्यों था जरूरी?
वक्फ संपत्तियां ऐसी जमीनें होती हैं, जो धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होती हैं। लेकिन कई मामलों में इन संपत्तियों को लेकर विवाद होते रहे हैं। नया कानून इन विवादों को खत्म करने और पारदर्शिता लाने के लिए लाया गया है।
पुराने कानून बनाम नए कानून में अंतर:
पुराना कानून | नया कानून |
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वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही सुलझाए जाते थे | अब विवाद पर जिला अधिकारी (DM) रैंक से ऊपर के अधिकारी फैसला देंगे |
वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती थी | अब हाईकोर्ट में ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती दी जा सकेगी |
वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर दावा कर सकता था और वह उसकी हो जाती थी | अब सरकारी संपत्तियों पर वक्फ का दावा नहीं होगा |
विवादित संपत्तियों पर भी वक्फ दावा कर सकता था | अब विवादित संपत्तियों पर वक्फ का दावा संभव नहीं होगा |
कोई भी धार्मिक कार्यों के लिए इस्तेमाल की गई जमीन वक्फ की हो जाती थी | अब जब तक कोई संपत्ति दान नहीं की जाती, वह वक्फ की नहीं होगी |
कैसे बना कानून?
वक्फ संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से पास कर दिया गया।
- लोकसभा: 12 घंटे की चर्चा के बाद 288 वोट पक्ष में और 232 वोट विरोध में पड़े।
- राज्यसभा: 13 घंटे की बहस के बाद 128 वोट पक्ष में और 95 वोट विरोध में पड़े।
- अब यह बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उनकी स्वीकृति के बाद यह कानून बन जाएगा।
सरकार का क्या कहना है?
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे “नया सवेरा” बताया और कहा कि यह कानून पूरी तरह पारदर्शिता और जवाबदेही (Transparency & Accountability) पर आधारित है।
उन्होंने बताया कि—
इस बिल पर चर्चा के लिए 10 शहरों में बैठकें की गईं।
1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपने सुझाव दिए।
284 संगठनों से बातचीत कर राय ली गई।
वक्फ संपत्तियों को लेकर कई मामले अदालतों में लंबित हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए यह कानून जरूरी है।
उन्होंने कहा कि “जो काम कांग्रेस सरकार नहीं कर पाई, वह अब मोदी सरकार कर रही है।”
नए कानून से किन्हें होगा फायदा?
गरीब और पसमांदा मुसलमानों को न्याय मिलेगा।
विवादों में फंसी वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हो सकेगा।
धोखाधड़ी और गड़बड़ियों पर रोक लगेगी।
मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा होगी।
वक्फ कानून में बदलाव से पारदर्शिता बढ़ेगी और गरीबों को अधिक लाभ मिलेगा। लंबे समय से वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद और भ्रष्टाचार की शिकायतें थीं, जिन्हें यह कानून रोकने में मदद करेगा। अब सरकारी संपत्तियों पर वक्फ का दावा नहीं हो सकेगा, और फैसले लेने की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी होगी।
यह सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में एक बड़ा सुधार है।