
मैहर में भ्रष्टाचार का जो काला खेल चल रहा है, उसकी परतें अब खुलने लगी हैं। अभी तक आप सभी ने देखा कि कैसे दिलेर साहब ने 24 घंटे में फर्जी स्टे ऑर्डर जारी करवाया, माननीय उच्च न्यायालय के पूर्व आदेशों का उल्लंघन किया, दान राशि में हेरफेर, दुकानों के अवैध आवंटन और कर्मचारियों की जन्मतिथि में छेड़छाड़ की। इसके अलावा, अन्नकूट और अनुकंपा नियुक्ति में नियमों की अनदेखी, रोपवे में 19 लाख रुपए प्रतिदिन की हेराफेरी, क्वांर मेले में जनता की बेइज्जती, और अवैध रूप से 60 लाख रुपए मासिक वेतन का भुगतान भी शामिल है।
अब बात करते हैं उन चंद मठाधीशों की, जिनके इशारों पर हमारे दिलेर साहब नाच रहे हैं। सबसे पहले चर्चा करते हैं समिति के अधीक्षक की, जो राजनीतिक रसूख के कारण अवैध तरीके से पद पर बैठा है। इसके बाद आता है एक स्वयंभू इंजीनियर, जो समिति का असली कर्ता-धर्ता है। इसके आदेश के बिना दिलेर साहब भी कुछ नहीं कर सकते। यह इंजीनियर इतना प्रभावशाली है कि उसने राज्य शासन के आदेशों को भी अपने रसूख से ठंडे बस्ते में डाल दिया।
इस स्वयंभू इंजीनियर ने समिति में एक अवैध गैंग का गठन किया और खुद उसका सरगना बन गया। इसके नेतृत्व में समिति में अवैध कार्यों का सिलसिला शुरू हुआ। जब जैन साहब प्रशासक बने, तो यह स्वयंभू इंजीनियर और भी मजबूत हो गया। उसने अपने साथी को दो अवैध पद दिलवाए और करोड़ों का वारा-न्यारा किया। इस गैंग के सहारे कई प्रशासकों को फंसाया गया और उनसे अवैध काम करवाए गए, जिसका उदाहरण पूर्व प्रशासक मिश्रा जी और जादव जी हैं।
मिश्रा जी की सार्वजनिक बेइज्जती और जुर्माने की चर्चा तो सबने सुनी, लेकिन जादव जी के मामले की जानकारी अब जल्द सामने आने वाली है। वहीं इस गैंग का एक और प्यादा, जिसने समिति के खिलाफ अरबों का नुकसान किया, राज्य शासन द्वारा निष्कासित होने के बावजूद अपने पद पर बना हुआ है। इसके अलावा, एक और प्यादा, जिसे आयुक्त रीवा ने अवैध घोषित कर दिया था, उसे भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गईं, जिसके चलते दान राशि में भारी गड़बड़ी की गई।
अब दिलेर साहब भी इस अवैध मक्खनबाजी में पूरी तरह फंस चुके हैं और लगता है कि कुछ ही कदम दूर हैं, जहां वह अपने कारनामों से भ्रष्टाचार में प्रथम स्थान प्राप्त कर लेंगे।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।