महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों की मतगणना से पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है। पुणे में लगे पोस्टरों ने अजित पवार को महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया। हालांकि, ये पोस्टर बाद में हटा दिए गए।
कौन होगा महायुति का मुख्यमंत्री चेहरा?
महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर दरारें साफ नजर आ रही हैं। शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हुए कहा, “मतदाताओं ने शिंदे के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री बनने का पहला हक शिंदे का ही है।”
चुनाव प्रचार के दौरान शिंदे महायुति का प्रमुख चेहरा थे, जो उन्हें इस दौड़ में मजबूत दावेदार बनाता है। दूसरी ओर, अजित पवार की दावेदारी उनके नेतृत्व में एनसीपी द्वारा महायुति में मजबूत प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।
पुणे में लगे पोस्टर, भले ही हट गए हों, लेकिन यह अजित पवार की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं का संकेत देते हैं। शरद पवार के एनसीपी गुट से अलग होकर अजित पवार ने महायुति में अपनी जगह बनाई। चुनाव आयोग द्वारा अजित पवार के गुट को एनसीपी का आधिकारिक नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ मिलने से उनकी राजनीतिक स्थिति और मजबूत हुई है।
विपक्षी महा विकास अघाड़ी की रणनीति
दूसरी तरफ, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के गठजोड़ वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) भी मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीद लगाए हुए है। हालांकि, एमवीए के भीतर भी इस पद के लिए सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
जैसे-जैसे 23 नवंबर का दिन नजदीक आ रहा है, मुख्यमंत्री पद की इस दौड़ ने महाराष्ट्र की राजनीति को और रोमांचक बना दिया है।
VIKAS TRIPATHI
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