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मेरठ के शास्त्री नगर स्थित कैपिटल हॉस्पिटल में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक गर्भवती महिला की लिफ्ट में गर्दन फंसने से मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा अस्पताल की लिफ्ट के टूटकर गिर जाने से हुआ, और इसके बाद पूरे अस्पताल परिसर में हंगामा मच गया। इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों और उपकरणों की समय-समय पर जांच की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है।
हादसा कैसे हुआ?
गुरुवार शाम करीब छह बजे, हापुड़ चुंगी स्थित कैपिटल हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला को लिफ्ट के जरिए ग्राउंड फ्लोर पर लाया जा रहा था। महिला की डिलीवरी हो चुकी थी और उसे अस्पताल से बाहर ले जाया जा रहा था। इस दौरान लिफ्ट का पट्टा अचानक टूट गया और लिफ्ट धड़ाम से नीचे गिर गई। लिफ्ट के गिरने से महिला की गर्दन उसमें बुरी तरह फंस गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। साथ ही, लिफ्ट में मौजूद तीन अन्य लोग भी घायल हो गए।
अस्पताल में तोड़-फोड़
हादसे की जानकारी मिलते ही महिला के परिजन अस्पताल पहुंच गए और गुस्से में आकर उन्होंने अस्पताल के शीशे और बिस्तरों को तोड़ डाला। पूरे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और लोग उग्र हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत किया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज की छानबीन की जा रही है।
लापरवाही और अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी
हादसे के बाद महिला के परिवार के लोग अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अस्पताल में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया और उपकरणों की समय-समय पर जांच की कमी के कारण यह हादसा हुआ। परिवार के सदस्य इस दुर्घटना से बेहद आहत हैं और उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की जांच और कार्रवाई
हादसे के बाद एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि इस हादसे की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है, जो सभी पहलुओं पर जांच करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, CMO डॉक्टर अशोक कटारिया ने कहा कि लिफ्ट के ओवरलोड होने के कारण टूटने की संभावना जताई जा रही है। सभी मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि उनकी देखभाल की जा सके।
यह हादसा अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की गंभीर कमी को सामने लाता है। यदि अस्पतालों में लिफ्ट जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं की नियमित जांच और सही रख-रखाव किया जाता, तो शायद इस प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सकता था। मरीजों और उनके परिजनों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है, और इस हादसे ने एक बार फिर से इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर किया है।
मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, और उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को लेकर कड़ी निगरानी की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
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VIKAS TRIPATHI
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