
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस के भीतर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। पार्टी जहां सरकार पर सुरक्षा चूक और खुफिया नाकामी को लेकर सवाल उठा रही है, वहीं वरिष्ठ नेता शशि थरूर का रुख पार्टी लाइन से अलग नजर आया। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कड़ी आपत्ति जताते हुए थरूर से सवाल किया कि क्या वह “बीजेपी के प्रवक्ता” बन गए हैं।
थरूर के बयान से नाखुश कांग्रेस
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो के सिंधु जल संधि पर धमकी भरे बयान का जवाब देते हुए कहा था कि,
“पाकिस्तान को समझना चाहिए कि भारतीयों को मारे जाने की कीमत चुकानी पड़ेगी। अगर खून बहेगा, तो वह उनकी ओर से ज्यादा बहेगा।”
थरूर ने साथ ही भारत की “पहले इस्तेमाल नहीं” (No First Use) नीति को दोहराते हुए कहा कि अगर हमला हुआ तो जवाब भी दिया जाएगा।
थरूर के इस सख्त बयान से कांग्रेस के भीतर असहजता पैदा हो गई। पार्टी के नेता उदित राज ने उन पर हमला बोलते हुए कहा,
“शशि थरूर से पूछना चाहता हूं कि क्या वह कांग्रेस में हैं या बीजेपी में? क्या वह सुपर-बीजेपी मैन बनने की कोशिश कर रहे हैं? उन्हें मोदी सरकार से पूछना चाहिए कि PoK को कब वापस लिया जाएगा।”
राज ने यह भी पूछा,
“क्या बीजेपी ने उन्हें अपना प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है?”
सरकार की खुफिया नाकामी पर भी बोले थरूर
जहां कांग्रेस ने पहलगाम हमले को लेकर सरकार पर सुरक्षा चूक और खुफिया नाकामी के आरोप लगाए हैं, वहीं थरूर ने एक संतुलित रुख अपनाते हुए कहा,
“100 प्रतिशत खुफिया जानकारी किसी देश के पास नहीं होती। हम केवल उन हमलों के बारे में जानते हैं जिन्हें रोका नहीं जा सका। इजरायल जैसे देश भी इससे अछूते नहीं हैं। हां, कुछ नाकामियां थीं, लेकिन इस वक्त हमारा ध्यान जवाबी कार्रवाई और संकट प्रबंधन पर होना चाहिए।”
थरूर का यह बयान भी कांग्रेस के आधिकारिक रुख से थोड़ा अलग माना जा रहा है, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति बन गई है।
विपक्षी एकजुटता पर असर?
गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद सभी विपक्षी दलों ने सरकार को आतंक के खिलाफ कार्रवाई में पूरा समर्थन देने की बात कही थी। लेकिन कांग्रेस के भीतर उठ रहे विरोधी सुर विपक्षी एकता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।