
लखनऊ: योगी सरकार ने सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए हाल के दिनों में कई अहम फैसले लिए हैं। आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस की चेकिंग के बाद अब एक और चौंकाने वाला कदम उठाया गया है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय से बुधवार को कई जिला कप्तानों को फोन किया गया। पुलिस मुख्यालय से फोन कर अफसरों की मौजूदगी चेक की गई। कई जिला कप्तानों, आईजी, डीआईजी, और एडीजी को फोन किया गया। सूत्रों के अनुसार, कई जिला कप्तान सुबह 11:30 बजे तक अपने ऑफिस नहीं पहुंचे थे।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी अफसरों को समय से दफ्तर पहुंचकर जन सुनवाई के निर्देश दिए हैं। डीजीपी के जीएसओ एन. रविंदर की ओर से जारी पत्र में कहा गया, “अवगत कराना है कि डीजीपी प्रशांत कुमार कुछ अधिकारियों से फोन पर बात करना चाह रहे थे लेकिन अधिकारी साढ़े 11 बजे तक ऑफिस नहीं पहुंचे। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के समय से ऑफिस में मौजूद न होने पर राजकीय कार्यों में विलंब होता है। जनसमस्याओं के निराकरण के लिए समय से ऑफिस में उपलब्धता आवश्यक है। इस संबंध में डीजीपी द्वारा पहले भी निर्देश दिए गए थे।”
उन्होंने आगे लिखा, “शासनादेश के अनुसार, समय से ऑफिस में उपस्थित होना आवश्यक है, जिसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने की आवश्यकता है। अतः निर्देशानुसार अनुरोध है कि शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार समय से ऑफिस में उपस्थित हों और अपने जूनियर और कर्मचारियों को भी समय से ऑफिस में उपस्थित होने के लिए निर्देशित करते हुए कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं।”
इससे पहले, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंडलीय समीक्षा के दौरान लापरवाह पुलिस अफसरों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि “काम करना है तो करो, वरना कुर्सी छोड़ दो”। प्रयागराज और वाराणसी मंडल की समीक्षा के दौरान सीएम योगी को पुलिस और राजस्व से जुड़ी तमाम शिकायतें मिली थीं। पुलिस अफसरों का ऑफिस पर न मिलना, जनप्रतिनिधियों के फोन न उठाना और उनके कार्यों को तवज्जो न देने की शिकायतें प्रमुख रूप से की गई थीं।