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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज पुनः सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में GRAP-4 की पाबंदियां फिलहाल जारी रहेंगी। स्कूलों को खोलने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने यह जिम्मेदारी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को सौंप दी है और कहा कि स्कूलों को खोलने का निर्णय अब CAQM द्वारा लिया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि कई छात्रों के पास ऑनलाइन क्लास लेने के दौरान मिड-डे मील और अन्य आवश्यक सुविधाओं की कमी है। साथ ही, बड़ी संख्या में छात्रों के पास घर पर ‘एयर प्यूरीफायर’ नहीं है, इसलिए घर पर रहने और स्कूल जाने वाले बच्चों में कोई अंतर नहीं किया जा सकता।
GRAP-4 की पाबंदियों में ढील से इनकार सुप्रीम कोर्ट ने GRAP-4 के प्रतिबंधों में ढील देने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक वह संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI स्तर में लगातार कमी आ रही है, तब तक वह GRAP के तीसरे या दूसरे चरण को लागू करने का आदेश नहीं दे सकता। बेंच ने GRAP-4 से प्रभावित समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से मजदूरों पर विचार करते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि जहां निर्माण पर रोक है, वहां मजदूरों के निर्वाह के लिए लेबर सेस का उपयोग किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने 18 से 23 नवंबर के बीच GRAP-4 दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और ट्रकों के प्रवेश की अनुमति दी। प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और CAQM को फटकार लगाई और पूछा कि 23 प्वाइंट्स पर लापरवाही क्यों हुई।
दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बैन पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली के 113 एंट्री प्वाइंट्स पर पुलिस चौकी बनाने के निर्देश दिए थे और ट्रकों पर रोक लगाने के लिए CCTV कैमरे लगाने की बात की थी। आज की सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि कई प्वाइंट्स पर बैरिकेडिंग नहीं थी और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा भी खतरे में थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह सवाल भी किया कि 13 एंट्री प्वाइंट्स पर ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां पुलिस तैनात नहीं की गई थी, वहां लापरवाही बरती गई और CAQM से सभी संबंधित एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया। साथ ही, इन एजेंसियों पर मुकदमा चलाने की भी संभावना जताई गई।
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VIKAS TRIPATHI
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