
भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए “अतिथि देवो भव:” का स्लोगन अपनाया गया है। जब कोई पर्यटक भारत आता है, तो वह अपने साथ देश की छवि भी लेकर जाता है। पर्यटन किसी भी देश की रीढ़ होती है, लेकिन कई बार पर्यटकों के साथ होने वाली बदसलूकी की घटनाएं ‘अतिथि देवो भव:’ की छवि पर दाग लगा देती हैं।
हाल ही में ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया पर सामने आया, जब सिंगापुर की ट्रैवल व्लॉगर सिल्विया चान ने दिल्ली में अपने अनुभव को साझा किया। सिल्विया, जो भारत की यात्रा पर निकली थीं, दिल्ली आईं और वहां एक रिक्शा चालक के साथ खराब बर्ताव का सामना किया। सिल्विया के मुताबिक, रिक्शा चालक ने शुरुआत में दोस्ताना व्यवहार किया, लेकिन बाद में सवारी के किराए के नाम पर अत्यधिक पैसे की मांग की।
जामा मस्जिद से शुरू हुआ धोखाधड़ी का सिलसिला
सिल्विया ने पुरानी दिल्ली की गलियां देखने का मन बनाया और एक रिक्शा चालक से मिलीं। शुरुआत में चालक ने बहुत अच्छा व्यवहार किया और तय किराए ₹100 के तहत उन्हें जामा मस्जिद से लाल किला तक पहुंचाया। लेकिन समस्या तब पैदा हुई जब चालक ने ₹100 के भुगतान को अस्वीकार कर दिया और इसके बजाय ₹6,000 की मांग करने लगा। इस घटना ने न केवल सिल्विया को निराश किया बल्कि दिल्ली में पर्यटन की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला।
इंस्टाग्राम पर फूटा गुस्सा
सिल्विया ने अपने वीडियो में कहा कि वह स्थानीय चालकों का समर्थन करती हैं, लेकिन ऐसे अनुभवों के बाद उबर जैसी सेवाओं को प्राथमिकता देना सुरक्षित मानती हैं। उनके अनुभव ने कई इंस्टाग्राम यूजर्स को प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, “वह पूरे दौरे के दौरान बुरी वाइब्स दे रहा था, बेकार जगहों पर ले जा रहा था और पैसे तभी मांगे जब वह शांत जगह पर था। बहुत बुरा व्यवहार।” दूसरे यूजर ने कहा, “एक भारतीय के रूप में, मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।” तीसरे ने कहा, “शायद यही वजह है कि अधिकांश भारतीय भी दिल्ली जैसी जगहों पर नहीं जाना चाहते।”सिल्विया का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और दिल्ली के पर्यटन क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है।