
गाजीपुर, – पी.जी. कॉलेज गाजीपुर में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में कृषि अभियंत्रण विषय के शोधार्थी जितेंद्र कुमार ने अपने शोध प्रबंध का प्रस्तुतिकरण किया। उनके शोध का विषय था “Studies on Post Harvest Profile and Development of Post Harvest Processing Technologies of Dragon Fruits”।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि ड्रैगनफ्रूट में पानी की अधिकता के कारण यह शीघ्र खराब होने वाला फल है। इसके पोषण व औषधीय गुणों को सालभर सुरक्षित रखने के उद्देश्य से इससे मूल्य वर्धित उत्पाद जैसे जैम, जेली एवं रेडी टू सर्व (RTS) पेय का निर्माण किया गया। जैम व जेली में मिठास के लिए शहद, जबकि RTS में स्टीविया प्राकृतिक स्वीटनर का प्रयोग किया गया। इन उत्पादों को संरक्षित व अधिक पोषक बनाने के लिए सफेद मूसली की भी मिलावट की गई और 6 महीने तक सामान्य व कम तापमान में संरक्षित कर परीक्षण किया गया।
शोध में पाया गया कि इन उत्पादों के पोषण व औषधीय गुणों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया और सेंसरी परीक्षण में स्वाद, रंग, गंध व टेक्सचर के आधार पर इन्हें काफी पसंद किया गया। शोध निष्कर्षों के अनुसार यह तकनीक ड्रैगनफ्रूट उत्पादकों को नुकसान से बचाएगी और उन्हें अधिक मुनाफा भी दिलाएगी।
प्रस्तुति के बाद विभागीय समिति, प्राध्यापकगण और छात्र-छात्राओं ने शोध से संबंधित प्रश्न पूछे, जिनका जितेंद्र कुमार ने संतोषजनक उत्तर दिया। अंत में कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राघवेन्द्र कुमार पांडेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति दी।
कार्यक्रम में कॉलेज के कई प्राध्यापक, शोध निर्देशक डॉ. कृष्ण कुमार पटेल, विभागाध्यक्ष इंजी. विपिन चंद्र झा सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। संचालन डॉ. जी. सिंह ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन इंजी. विपिन चंद्र झा ने किया।