
भाजपा की ऐतिहासिक जीत:
उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और एनडीए गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने 6 और सहयोगी पार्टी रालोद ने 1 सीट जीतकर कुल 7 सीटों पर कब्जा किया। खास बात यह रही कि बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में सेंध लगाई और कुंदरकी व कटेहरी जैसी सीटों पर इतिहास रच दिया।
सीएम योगी का ताबड़तोड़ प्रचार:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच दिन में 15 चुनावी रैलियां और कार्यक्रम किए। फूलपुर, मझवां, खैर, कटेहरी, गाजियाबाद और कुंदरकी में उनकी रैलियों ने वोटरों को प्रभावित किया। खासकर कुंदरकी और मीरापुर में सीएम योगी की जनसभाओं का सीधा असर नतीजों पर दिखा, जहां बीजेपी और रालोद ने शानदार जीत दर्ज की।
कटेहरी: तीन दशक बाद कमल खिला:
कटेहरी सीट पर बीजेपी पिछले 30 साल से जीत का इंतजार कर रही थी। इस बार धर्मराज निषाद ने कमाल करते हुए समाजवादी पार्टी की शोभावती वर्मा को 34,514 वोटों के अंतर से हराया और बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई।
कुंदरकी: मुस्लिम बहुल सीट पर बीजेपी की धमाकेदार जीत:
कुंदरकी, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, पर समाजवादी पार्टी का लंबे समय से कब्जा था। 2022 में यहां सपा ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उपचुनाव में बीजेपी ने रामवीर सिंह ठाकुर के नेतृत्व में यह सीट जीत ली। ठाकुर ने टोपी पहनकर प्रचार किया, जो मुस्लिम समुदाय को जोड़ने का प्रयास था, और उनका यह दांव सफल रहा। उन्होंने सपा के मोहम्मद रिजवान को बड़े अंतर से हराया।
सपा के गढ़ में भी बीजेपी की दस्तक:
सीएम योगी के प्रचार का असर समाजवादी पार्टी के मजबूत गढ़ों में भी दिखा। करहल में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के प्रभाव वाले क्षेत्र में बीजेपी ने सपा की जीत का अंतर घटा दिया। 2022 में अखिलेश यादव ने यहां 67,504 वोटों से जीत दर्ज की थी, जो अब घटकर 14,725 वोट रह गई।
अन्य सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन:
- फूलपुर: दीपक पटेल ने 11,305 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
- मझवां: सुचिस्मिता मौर्या ने 4,922 वोटों से जीत हासिल की।
- गाजियाबाद: संजीव शर्मा ने 69,351 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
- खैर: सुरेंद्र दिलेर ने 38,393 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
- मीरापुर: रालोद प्रत्याशी मिथिलेश पाल ने 30,796 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
समाजवादी पार्टी के लिए झटके:
सपा के कई गढ़ों में बीजेपी ने सीधी टक्कर दी। सीसामऊ में भी सपा के वोटों में गिरावट दर्ज हुई। इरफान सोलंकी के बाद इस बार नसीम सोलंकी ने 8,564 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की।
नतीजों का संदेश:
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और बीजेपी की रणनीति ने सपा के वोट बैंक को कमजोर किया और नए क्षेत्रों में सफलता दिलाई। उपचुनाव के नतीजे संकेत देते हैं कि 2024 के आम चुनावों के लिए बीजेपी का रास्ता मजबूत हो गया है।