
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने आज पीवीआर, चाणक्यपुरी, दिल्ली में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए “श्रीकांत” फ़िल्म की भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) में विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया। इस विशेष कार्यक्रम में दिल्ली-एनसीआर के बधिर समुदाय से जुड़े बच्चे और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राजेश अग्रवाल का वक्तव्य:
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को बढ़ावा देने पर हमेशा जोर दिया है। मनोरंजन को सभी के लिए सुलभ बनाना हमारी प्राथमिकता है, और इस तरह की पहलें समावेशी समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”
फ़िल्म की विशेष स्क्रीनिंग का महत्व:
श्रीकांत फ़िल्म, जो एक प्रेरणादायक कहानी है, को आईएसएल में प्रस्तुत करने का मुख्य उद्देश्य श्रवण बाधित समुदाय को भी समाज के मुख्यधारा से जोड़ना है। इस प्रयास के लिए यूनिकी, टी-सीरीज, और चॉक एंड चीज प्रोडक्शन की सराहना की गई।

निर्देशक और यूनिकी का आभार:
फ़िल्म के निर्देशक, तुषार हीरा ननंदानी, ने इस विशेष स्क्रीनिंग को अपने करियर का महत्वपूर्ण दिन बताते हुए सरकार और विभाग का धन्यवाद किया। यूनिकी के मुख्य अधिकारी, चैतन्य ने भी इस पहल की जिम्मेदारी निभाने पर गर्व व्यक्त किया।
बच्चों का अनुभव:
यह स्क्रीनिंग श्रवण बाधित बच्चों के लिए एक अनूठा और खुशी से भरा अनुभव था। बच्चों ने इस पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सरकार ऐसे दिव्यांग-फ्रेंडली वातावरण का निर्माण करती रहेगी।
समावेशिता की दिशा में बड़ा कदम:
इस आयोजन ने समाज में समावेशिता को बढ़ावा देने और श्रवण बाधित समुदाय के लिए मनोरंजन को सुलभ बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश दिया। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।