Saturday, July 5, 2025
Your Dream Technologies
HomePoliticsशशि थरूर के बागी तेवर: कांग्रेस से मतभेद या पार्टी सुधार की...

शशि थरूर के बागी तेवर: कांग्रेस से मतभेद या पार्टी सुधार की पहल?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक की प्रशंसा करने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पार्टी के बीच मतभेद की अटकलें तेज हो गई हैं। इन अटकलों के बीच थरूर ने रविवार को अपने बागी तेवर दिखाते हुए कहा कि यदि पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है, तो उनके पास अन्य विकल्प मौजूद हैं।

कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल, लेकिन पार्टी छोड़ने से किया इनकार

थरूर ने यह स्पष्ट किया कि वह पार्टी के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन यदि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है, तो उनके पास आगे बढ़ने के विकल्प खुले हैं। हालांकि, उन्होंने पार्टी बदलने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि भले ही उनके विचार कांग्रेस से अलग हो सकते हैं, लेकिन वह पार्टी छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं।

यह टिप्पणी उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस मलयालम पॉडकास्ट के दौरान की। उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई, जब उन्होंने केरल में एलडीएफ सरकार की कुछ नीतियों की सराहना की और वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की प्रशंसा की, जिसे कांग्रेस ने पसंद नहीं किया था।

केरल में पार्टी नेतृत्व पर उठाए सवाल

थरूर ने कांग्रेस की केरल इकाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में पार्टी को नए मतदाताओं तक पहुंचने और अपने आधार का विस्तार करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस की राज्य इकाई में स्पष्ट नेतृत्व की कमी है, और कई पार्टी सदस्य इस बात से सहमत हैं।

जनमत सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि इन सर्वेक्षणों में उन्हें अन्य नेताओं की तुलना में केरल में पार्टी नेतृत्व के लिए आगे दिखाया गया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस ने अपनी अपील को व्यापक नहीं किया, तो उसे केरल में लगातार तीसरी बार विपक्ष में बैठना पड़ सकता है।

थरूर के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिक्रिया

थरूर की टिप्पणियों से नाराज केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के सुधाकरण ने कहा कि एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य के रूप में उन्हें पार्टी अनुशासन का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा,
“थरूर पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद पर हैं और उनके पास संगठन के भीतर से बदलाव लाने का मौका है। खुली आलोचना से पार्टी को कोई फायदा नहीं होता है।”

हालांकि, सुधाकरण ने यह भी कहा कि वह हमेशा थरूर के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी समर्थन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने थरूर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

पार्टी से अलगाव की अटकलों पर थरूर की ‘कोई टिप्पणी नहीं’

जब रविवार को थरूर से पूछा गया कि क्या “पार्टी और उनके बीच सब ठीक है?” तो उन्होंने “कोई टिप्पणी नहीं…” कहकर जवाब दिया।

हालांकि, सुधाकरण ने भरोसा जताया कि थरूर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणियों के बावजूद पार्टी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि थरूर की मंशा पार्टी को मजबूत करने की है और वह कांग्रेस के साथ बने रहेंगे।

क्या यह मतभेद पार्टी सुधार की कोशिश है?

थरूर के बयानों से कांग्रेस के भीतर असंतोष की झलक जरूर मिलती है, लेकिन यह भी संभव है कि वह पार्टी में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हों। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस नेतृत्व उनके सुझावों को गंभीरता से लेता है या यह मतभेद गहराते हैं।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button