
उत्तर प्रदेश: गाजीपुर जिले के बिरनो क्षेत्र स्थित भड़सर गांव में अति प्राचीन श्री रामलीला और दुर्गा पूजा समिति के बैनर तले चल रहे रामलीला के दसवें दिन शुक्रवार की रात को मेघनाथ और अहिरावण के वध का भव्य मंचन किया गया। रामायण की इस महत्वपूर्ण घटना में भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण करके पाताल लोक ले जाया गया, जहां से उन्हें छुड़ाने के लिए हनुमान और विभीषण ने मेघनाथ और अहिरावण का वध किया।

इस निर्णायक युद्ध के दौरान जब इन राक्षसों का अंत हुआ, तो पूरे रामलीला मैदान में “जय श्री राम” के गगनभेदी नारे गूंज उठे।इस अद्भुत प्रदर्शन ने उपस्थित दर्शकों में उत्साह और भक्ति का संचार कर दिया। चारों ओर धार्मिक जोश की लहर फैल गई और हर कोई इस शानदार आयोजन का हिस्सा बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव ने आयोजन समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दशहरा का यह पर्व हिंदू समाज की एकता और शक्ति का प्रतीक है।

उन्होंने भगवान राम के आदर्शों की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्व अन्याय के खिलाफ खड़े होने और धर्म की रक्षा के महत्व को दर्शाता है।कार्यक्रम के समापन पर रामलीला और दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष विनोद सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि दुर्गेश श्रीवास्तव को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर टुनटुन सिंह, पप्पू गुप्ता, इदरीस खान, विनोद पटेल, सुरेंद्र खरवार, वीरेंद्र सिंह, रिंटू सिंह, राजेश यादव, प्रमोद सिंह, रानू सिंह, बड़े जायसवाल,पप्पू पटेल, विपिन चौरसिया,संतोष खरवार और दया प्रकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
