
गाजीपुर – नेता जी सुभाष चन्द्र बोस रामलीला समिति बिरनो के प्रांगण में रामलीला मंचन के दसवें दिन रामलीला के मंच पर “लक्ष्मण शक्ति बाण” और “मेघनाथ वध” का दृश्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा ।

रामलिला के मंच पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे बिरनो ब्लॉक प्रमुख राजन सिंह ने भगवान श्री राम चंद्र जी के लीला को देश के प्रत्येक नागरिकों के लिए ज्ञान का उपदेश बताया उन्होंने कहा राज कुल का होते हुए भी भगवान श्री राम चंद्र जी माता पिता के आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्षो के लिए वनवास चले गए लेकिन भाई प्रेम के लिए उद्धरण दिए जाने वाले भरत जी ने राज गद्दी का हकदार श्री राम चंद्र जी को ही माना वहीं रावण ज्ञानी होते हुए भी जिद्दी और घमंडी था जिसके फल स्वरूप राम पूज्यनीय हुए और रावण आज भी जलाया जाता है इस लिए हम सभी को रामलीला से सिख लेने की जरूरत है। रामलिला मंच के

इस प्रसंग में मेघनाथ (इंद्रजीत) लक्ष्मण पर अपनी दिव्य शक्ति बाण का प्रयोग करता है, जिसके चलते लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। यह दृश्य बेहद भावनात्मक होता है, जहां राम, लक्ष्मण के बेहोश होने पर व्याकुल हो जाते हैं।
इस समय, हनुमान जी को वैद्य सुशेण की सलाह से हिमालय पर्वत से संजीवनी बूटी लाने के लिए भेजा जाता है। रामलीला मंच पर हनुमान जी की संजीवनी बूटी लाने की यात्रा को बहुत रोमांचक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है, जहां हनुमान जी पूरे पर्वत को उठाकर लाते हैं।
इसके बाद, संजीवनी बूटी से लक्ष्मण का उपचार किया जाता है, और वे पुनः स्वस्थ हो जाते हैं। इसके बाद लक्ष्मण युद्ध के मैदान में वापस जाते हैं और राम के साथ मिलकर मेघनाथ का वध करते हैं। मेघनाथ का वध रामायण के युद्ध प्रसंगों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि मेघनाथ रावण के पुत्र और अत्यंत शक्तिशाली योद्धा थे।
इस प्रकार के मंचन में ध्वनि, प्रकाश और विशेष दृश्य प्रभावों का उपयोग होता है, जिससे दर्शक इस पौराणिक कथा में पूरी तरह से डूब जाते हैं।
इस मौके पर रामलीला अध्यक्ष गुड्डू गुप्ता, उपाध्यक्ष आनंद सिंह, कोषाध्यक्ष संजय वर्मा सहित अन्य पदाधिकारीयो ने ब्लॉक प्रमुख राजन सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया मौजूद लोगों में अभिमन्यु सिंह मन्नू ,तेज बहादुर सिंह, भरत सिंह, नीरज पांडे, यशवंत सिंह, लल्लन सिंह, भानु वर्मा ,पिंटू वर्मा, सोनू गुप्ता, बीरन यादव, डब्बू सिंह, शशिकांत सहित सैकड़ो की संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे।