
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर पुराना विवाद एक बार फिर तेज़ हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को नांगल डैम का दौरा किया और साफ शब्दों में कहा कि हरियाणा को “एक बूंद अतिरिक्त पानी” भी नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही नांगल डैम पर सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद कर दिया गया है। पंजाब पुलिस ने डैम के नियंत्रण कक्ष को अपने घेरे में ले लिया है और वहां आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
AAP बनाम BJP: पानी पर टकराव चरम पर
जहां एक ओर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पानी पर पूरी तरह सख्त रुख अपनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा की भाजपा सरकार इसे अपने हक का पानी बता रही है। इस तनातनी के बीच भगवंत मान ने नांगल डैम पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों से समीक्षा बैठक की। उन्होंने दोहराया कि पंजाब पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है और राज्य के बांध अपनी क्षमता से नीचे बह रहे हैं।
“पंजाब का पानी सिर्फ पंजाबियों के लिए”: मान सरकार अड़ी
सीएम मान ने स्पष्ट कहा, “पंजाब का पानी पंजाबियों के लिए है। हम किसी को भी अपने पानी पर कब्जा नहीं करने देंगे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा और राजस्थान की भाजपा सरकारों ने बीती रात “तानाशाही” रवैया अपनाया, जबकि पंजाब ने इस पर सहमति ही नहीं दी थी। उन्होंने बताया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में पंजाब की 60% हिस्सेदारी है और इसीलिए राज्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नांगल डैम की चाबियों पर पंजाब का दावा
पंजाब के शिक्षा मंत्री एडवोकेट हरजोत सिंह बैंस भी नांगल डैम पर धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने एलान किया कि “अब नांगल डैम के नियंत्रण कक्ष की चाबियां हमारे पास हैं। BBMB का इस पर कोई अधिकार नहीं बचा।” उन्होंने हरियाणा को एक बूंद भी अतिरिक्त पानी देने से साफ इनकार कर दिया।
जल संकट गहराया: बांधों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर
मुख्यमंत्री मान ने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि भाखड़ा, पोंग और रणजीत सागर जैसे प्रमुख बांधों में जलस्तर सामान्य से काफी नीचे चला गया है।
- भाखड़ा: सामान्य 1566 फीट, वर्तमान में 1555 फीट
- पोंग: सामान्य 1325 एमएफए, वर्तमान में 1293
- रणजीत सागर: सामान्य 505 मीटर, वर्तमान में 502 मीटर
हरियाणा को पहले ही मिल चुका है पूरा हिस्सा: मान
सीएम मान का कहना है कि हरियाणा ने अपने हिस्से का पानी मार्च महीने में ही इस्तेमाल कर लिया था। अब जो 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है, वह केवल “मानवीय आधार” पर दिया जा रहा है, जबकि पहले 8500 क्यूसेक पानी की आपूर्ति हो रही थी।
भाजपा नेताओं पर मान का हमला – “अब आपकी निष्ठा की परीक्षा है”
मुख्यमंत्री ने पंजाब के भाजपा नेताओं सुनील जाखड़, रवनीत सिंह बिट्टू, मनप्रीत सिंह बादल और तरुण चुग से भी तीखे सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि यह वक्त आपकी निष्ठा की परीक्षा का है – क्या आप पंजाब के साथ खड़े होंगे या पार्टी लाइन पर?
आरडीएफ फंड पर भी उठाया सवाल
मान ने कहा कि पंजाब का 6000 करोड़ रुपये का RDF फंड अटका पड़ा है, जो गांवों से बाज़ारों तक की सड़कों और किसानों से जुड़ी योजनाओं के लिए है। उन्होंने कहा, “हमसे चावल और गेहूं चाहिए, लेकिन हमें अपना पानी नहीं दिया जा रहा। यह अब और बर्दाश्त नहीं होगा।”
पानी पर संघर्ष गहराता, समाधान की जरूरत
पंजाब-हरियाणा जल विवाद एक बार फिर संवेदनशील मोड़ पर पहुंच गया है। पंजाब सरकार का रुख स्पष्ट है – राज्य के जल संसाधन पहले पंजाब की जरूरतों के लिए हैं। वहीं, हरियाणा अपने हिस्से के पानी के लिए लड़ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर इस टकराव को हल करेगी, या हालात और बिगड़ेंगे?

VIKAS TRIPATHI
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