Tuesday, July 1, 2025
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पंचग्रही योग: पांच ग्रहों की युति और उनके फलादेश पर ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का विश्लेषण

पंचग्रही योग को ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण स्थिति मानी जाती है, जहां एक साथ पांच ग्रह किसी एक भाव में बैठते हैं या उनके बीच दृष्टि संबंध बनता है। ऐसे में यह योग जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इस योग के प्रभाव को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि इन पांच ग्रहों के बीच नैसर्गिक मित्रता, शत्रुता, या कोई शुभ-अशुभ योग बन रहा है या नहीं। इस योग के फलादेश को ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने विस्तार से समझाया है।

शुभ और अशुभ योग के प्रभाव:

  • शुभ पंचग्रही योग: यदि पंचग्रही योग में शामिल ग्रहों के बीच नैसर्गिक मित्रता हो, तो यह योग जातक के लिए शुभ फल प्रदान करता है। जैसे कि सूर्य, बुध, मंगल, गुरु, चन्द्र की युति एक सामान्य शुभ योग बनाती है, जिससे जातक के जीवन में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
  • अशुभ पंचग्रही योग: जब पंचग्रही योग में ग्रहों के बीच नैसर्गिक शत्रुता होती है, तो यह योग अशुभ परिणाम दे सकता है। उदाहरणस्वरूप, सूर्य, राहु, शनि, गुरु, चन्द्र की युति अशुभ मानी जाती है क्योंकि इसमें सूर्य-राहु ग्रहण योग, सूर्य-शनि अशुभ युति, गुरु-राहु चांडाल योग और चन्द्र-राहु ग्रहण योग बनते हैं, जो जातक के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

विशेष उदाहरण:

  • वृष लग्न: वृष लग्न में यदि लग्नेश शुक्र, धनेश पंचमेश बुध, नवमेश दशमेश शनि, चतुर्थेश सूर्य, और राहु या केतु की युति हो, तो यह योग शुभ फल प्रदान करेगा। यदि इन ग्रहों के बीच कोई ग्रह पीड़ित न हो, तो जातक को राजयोग की प्राप्ति हो सकती है। इस युति के प्रभाव से जातक अपने कार्य क्षेत्र में उन्नति करेगा और उसका जीवन सफल रहेगा।
  • कन्या लग्न: कन्या लग्न में मंगल, राहु, सूर्य, शुक्र, शनि की युति अशुभ मानी जाती है। इस युति में शनि और मंगल, राहु और सूर्य की अशुभता, और मंगल का प्रबल मारक होना जातक के लिए अशुभ परिणाम दे सकता है। इस युति के कारण जातक के जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष:

पंचग्रही योग का प्रभाव ग्रहों की स्थिति, उनके स्वभाव और उनके बीच बनने वाले संबंधों पर निर्भर करता है। इस योग का फलादेश करने में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें शामिल ग्रहों की शुभता और अशुभता का जातक के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। पंचग्रही योग को समझने और इसका सटीक फलादेश प्राप्त करने के लिए योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श करना अनिवार्य है।

ज्योतिष शास्त्र, वास्तुशास्त्र, वैदिक अनुष्ठान व समस्त धार्मिक कार्यों के लिए संपर्क करें:
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, संपर्क सूत्र: 9993652408, 7828289428

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