Wednesday, July 2, 2025
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नोएडा प्राधिकरण का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार: पूर्व सीईओ सरदार मोहिंदर सिंह पर करोड़ों के घोटाले के आरोप

उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड IAS अधिकारी और नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूतपूर्व चेयरमैन, सरदार मोहिंदर सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। करोड़ों की संपत्ति के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सरदार सिंह पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को छापेमारी कर 12 करोड़ रुपये की हीरे-जवाहरात, नकदी और सोना बरामद किया। यह सब उनकी काली कमाई का मात्र छोटा हिस्सा माना जा रहा है।

सरदार मोहिंदर सिंह, जो कभी नोएडा प्राधिकरण को अपने भ्रष्ट तरीकों से चलाते थे, अब हजारों करोड़ रुपये के घोटालों के मुख्य आरोपी हैं। “पर्दाफ़ाश न्यूज़” की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उन्होंने विभिन्न घोटालों के माध्यम से अरबों रुपये की अवैध कमाई की है। नोएडा में सैकड़ों करोड़ की भूमि आवंटित करने वाले बिल्डरों के दिवालिया हो जाने के कारण प्राधिकरण को करीब 9 हजार करोड़ रुपये की चपत लगी है।

सरदार मोहिंदर सिंह का ‘खेल’ और अरबों का घोटाला

सरदार मोहिंदर सिंह ने अपनी तैनाती के दौरान राजनीतिक संरक्षण में नोएडा प्राधिकरण की जमीन बिल्डरों को औने-पौने दामों में आवंटित की। इस खेल में प्राधिकरण की बेशकीमती जमीन केवल 10 प्रतिशत भुगतान पर बिल्डरों को दे दी जाती थी, जबकि इसके बदले सैकड़ों करोड़ रुपये की रिश्वत ली जाती थी। आम्रपाली, सुपरटेक, लॉजिक्स और थ्री-सी जैसी बिल्डरों को फायदा पहुंचाया गया, जिससे प्राधिकरण को बड़ा नुकसान हुआ और हजारों बायर्स ठगी का शिकार हुए।

नोएडा प्राधिकरण को नुकसान पहुँचाने वाले घोटाले

मोहिंदर सिंह के नेतृत्व में नोएडा प्राधिकरण ने कई बड़े बिल्डरों को कौड़ियों के भाव जमीन आवंटित की, जिनमें आम्रपाली, सुपरटेक, लॉजिक्स, और थ्री-सी प्रमुख हैं। इन बिल्डरों पर नोएडा प्राधिकरण के 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जिसे वसूल पाना अब नामुमकिन हो चुका है। आम्रपाली बिल्डर पर अकेले 4500 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि सुपरटेक पर 3062 करोड़ रुपये, लॉजिक्स पर 1113 करोड़ और थ्री-सी पर 600 करोड़ रुपये का बकाया है।

भ्रष्टाचार का खेल

सरदार मोहिंदर सिंह ने अपने राजनीतिक आकाओं के सहयोग से एक ऐसी योजना बनाई, जिसके तहत बिल्डरों को प्राधिकरण की बेशकीमती जमीन सिर्फ 10% राशि जमा करने पर आवंटित की जाती थी। बदले में, बिल्डरों से करोड़ों रुपये की रिश्वत ली जाती थी, जिससे प्राधिकरण का बकाया चुकाने की कोई मंशा नहीं थी। इसी कारण से, नोएडा प्राधिकरण का हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

विदेश भाग गया घोटालेबाज

सीबीआई और ईडी के सामने कई मामलों के खुलासे के बावजूद, सरदार मोहिंदर सिंह का पता नहीं चल पाया है। सूत्रों का दावा है कि वह रिटायरमेंट के बाद विदेश भाग चुके हैं। उनके खिलाफ कई अदालतों में मामले लंबित हैं, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं है।

रियल एस्टेट का पतन

नोएडा और ग्रेटर नोएडा, जो कभी उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी माने जाते थे, अब रियल एस्टेट के पतन का उदाहरण बन चुके हैं। बिल्डरों द्वारा खरीदारों से करोड़ों रुपये की ठगी के चलते आज लाखों लोग अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कुछ उम्मीद जरूर दी है, लेकिन प्राधिकरणों का बकाया वसूलना अब मुश्किल नजर आ रहा है।

सरदार मोहिंदर सिंह इस पूरे घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर उत्तर प्रदेश की बेशकीमती जमीनें बिल्डरों को महज 10% राशि पर आवंटित की, जिससे नोएडा प्राधिकरण का 28 हजार करोड़ रुपये डूब गया।

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