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NCW takes suo motu cognizance Scuffle in Parliament take action: संसद परिसर में हुए धक्का-मुक्की मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए लोकसभा और राज्यसभा से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला नागालैंड की अनुसूचित जनजाति से संबंधित महिला सांसद फांगनोन कोन्याक के साथ कथित दुर्व्यवहार से जुड़ा है।
महिला सांसद ने लगाए गंभीर आरोप
फांगनोन कोन्याक ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जिससे उन्हें असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। कोन्याक ने अपने बयान में बताया कि राहुल गांधी ने ऊंची आवाज में उनसे बात की और उनकी शारीरिक निकटता इस हद तक थी कि वह बेहद असहज महसूस करने लगीं। कोन्याक ने राज्यसभा में अपने बयान में इस घटना की निंदा करते हुए कहा,
“उन्होंने ऊंची आवाज में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और मेरी व्यक्तिगत सीमाओं का उल्लंघन करते हुए इतनी निकटता बनाई कि एक महिला सदस्य होने के नाते मुझे काफी असहज महसूस हुआ।”
कोन्याक ने इस मामले को लेकर राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज की और राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
राष्ट्रीय महिला आयोग का कड़ा रुख
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे लोकतंत्र और महिला गरिमा का सीधा अपमान बताया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर राहुल गांधी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। आयोग ने जोर देकर कहा कि संसद जैसे पवित्र लोकतांत्रिक मंच पर इस तरह के व्यवहार की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
आयोग ने कहा,
“यह घटना न केवल महिला सांसद की गरिमा का उल्लंघन है, बल्कि संविधान में निहित समानता और सम्मान के सिद्धांतों के खिलाफ भी है। इस तरह के अनैतिक और अपमानजनक व्यवहार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।”
मीडिया रिपोर्ट्स और बयान के आधार पर जांच की मांग
आयोग ने बताया कि यह मामला मीडिया रिपोर्ट्स और राज्यसभा में फांगनोन कोन्याक द्वारा दिए गए बयान के आधार पर सामने आया है। इस घटना को लेकर महिला सांसद ने कहा,
“मैं भारी मन से अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की निंदा करते हुए एक तरफ हट गई, लेकिन मुझे लगा कि किसी भी संसद सदस्य को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।”
आयोग ने इसे लोकतंत्र के मंदिर में अस्वीकार्य बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
महिला अधिकारों की सुरक्षा का आह्वान
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लोकतंत्र के मंदिर में महिलाओं के अधिकारों, सम्मान और गरिमा की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है। आयोग ने संसद के दोनों सदनों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि भविष्य में किसी भी महिला सदस्य को इस तरह की असहज स्थिति का सामना न करना पड़े।यह मामला महिला सांसदों की गरिमा और अधिकारों के संरक्षण से जुड़ा है, और इसे लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा उठाया गया कदम समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। अब यह देखना होगा कि संसद के दोनों सदन इस पर क्या कार्रवाई करते हैं और लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं।
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VIKAS TRIPATHI
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