
श्रीनगर: कांग्रेस प्रवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता निगहत अब्बास ने मंगलवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर बीजेपी पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि नेशनल हेराल्ड सिर्फ एक अखबार नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की विरासत है।
“अंग्रेज भी डरते थे नेशनल हेराल्ड से”
निगहत अब्बास ने कहा,
“बीजेपी नेशनल हेराल्ड को एक कानूनी केस का रूप देकर लोकतंत्र पर हमला किया है। मगर सच यह है कि नेशनल हेराल्ड वो क्रांति है, जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान शुरू किया था। अंग्रेज भी इससे डरते थे।”
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामलों को बेवजह तूल देकर जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहती है, जैसे बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असमानता।
“ED बन चुकी है ‘जबरन वसूली विभाग'”
प्रवक्ता ने केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए कहा:
“बीजेपी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को राजनीतिक प्रतिशोध का हथियार बना दिया है। उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया, जबकि न तो कोई नकद लेन-देन हुआ और न ही हवाला का कोई प्रमाण मिला। एजीएल (Associated Journals Ltd.) को कांग्रेस ने केवल मानवीय आधार पर मदद दी थी, वो भी चेक के माध्यम से।”
निगहत ने कहा कि बीजेपी ट्रोल आर्मी और सोशल मीडिया के ज़रिए झूठी सूचनाएं फैला रही है, जैसे कि केस में 500 करोड़ की संपत्ति जुड़ी है।
“आईटी विभाग और ईडी के आंकड़े अलग-अलग हैं, और बीजेपी व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी पर भरोसा कर रही है,” उन्होंने तंज कसा।
“BJP खुद चला रही है मीडिया नेटवर्क, हमें नैतिकता न सिखाए”
निगहत अब्बास ने भाजपा पर मीडिया मोर्चे पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा:
“बीजेपी और आरएसएस खुद कई समाचार संस्थानों को संचालित कर रहे हैं, जैसे कि पांचजन्य, तरुण भारत, ऑब्जर्वर आदि, जिन्हें सरकार की ओर से मोटे विज्ञापन मिलते हैं। अगर कांग्रेस ने AGL को मदद दी, तो वह अपराध कैसे हो गया?”
उन्होंने यह भी कहा कि जब सुब्रमण्यम स्वामी ने केस में आरोप लगाए थे, तब कांग्रेस ने सभी दस्तावेज अदालत में पेश किए थे। मगर स्वामी ने खुद अदालत से स्टे ऑर्डर लेकर पीछे हटने की कोशिश की।
“एक राष्ट्र एक चुनाव—मूल मुद्दों से भटकाने की रणनीति”
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर प्रतिक्रिया देते हुए निगहत ने कहा,
“अगर वाकई बीजेपी देश के लिए कुछ करना चाहती है, तो उसे महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों पर बात करनी चाहिए, न कि संविधान से छेड़छाड़ करने वाले आइडिया पर ज़ोर देना चाहिए।”
“सिर्फ समर्थन से सच्चाई नहीं बदलती”
निगहत अब्बास ने बीजेपी सांसदों के हालिया बयानों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा:
“सिर्फ ये कह देना कि हमें नरेंद्र मोदी का समर्थन है, उन भ्रामक बयानों को सही नहीं बनाता, जो जनता को गुमराह करते हैं।”
निगहत अब्बास की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक बार फिर यह दर्शाती है कि नेशनल हेराल्ड मामला सिर्फ एक आर्थिक जांच नहीं, बल्कि राजनीतिक टकराव की मिसाल बन चुका है। इस बहस में भारत के लोकतंत्र, प्रेस की स्वतंत्रता और राजनीतिक नैतिकता के सवाल केंद्र में हैं।