
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों के लिए यह खबर बेहद सुकून देने वाली है कि अब उनकी वर्षों पुरानी एक महत्वपूर्ण मांग आखिरकार पूरी होने जा रही है। जब से इस क्षेत्र में रिहायशी बसाहट की शुरुआत हुई, तब से ही स्थानीय नागरिक श्मशान घाट की आवश्यकता को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। यह मांग मानवीय दृष्टिकोण से भी बेहद जरूरी थी, क्योंकि किसी भी बसावट में अंतिम संस्कार की सुविधा का होना एक आधारभूत आवश्यकता है।
विधायक तेजपाल नागर की सक्रिय पहल
इस जनहित के विषय को सबसे प्रमुखता से उठाने का श्रेय जाता है क्षेत्रीय विधायक तेजपाल नागर को, जिन्होंने इस विषय को केवल चुनावी मंचों पर नहीं, बल्कि प्रशासनिक और नीति-निर्माण स्तर पर भी पूरी ताकत के साथ उठाया। चाहे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बैठकें हों या मास्टर प्लान से जुड़ी चर्चाएं – विधायक नागर ने यह सुनिश्चित किया कि यह मुद्दा कहीं पीछे न छूटे।
टीमवर्क और सामाजिक संस्थाओं का योगदान
विधायक के साथ-साथ उनके प्रतिनिधि दीपक यादव ने भी इस कार्य को ज़मीन पर उतारने के लिए अथक प्रयास किए। इसके अतिरिक्त श्रीरामलीला सेवा ट्रस्ट ग्रेटर नोएडा वेस्ट तथा क्षेत्र की अन्य सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने भी लोगों को जागरूक करने, जन समर्थन जुटाने और शासन-प्रशासन तक जनभावना पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया।
ज़मीन की पहचान और बजट स्वीकृति
लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले वर्ष श्मशान घाट हेतु उपयुक्त भूमि की पहचान कर ली गई। और अब इसे अमलीजामा पहनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए लगभग ₹13.5 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। यह बजट न केवल निर्माण कार्य के लिए बल्कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक समुचित श्मशान घाट की परिकल्पना को साकार करने के लिए है।

कार्य शीघ्र प्रारंभ होने की उम्मीद
विधायक तेजपाल नागर ने यह भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से त्वरित कार्य प्रारंभ करने और एक समर्पित टीम गठित करने का आग्रह किया है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो यह कार्य वर्ष 2025 के अंत तक पूर्ण हो सकता है। इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को एक बड़ी राहत मिलेगी और एक सामाजिक-धार्मिक अधूरी कड़ी पूरी होगी।
विधायक के प्रयासों को नमन
आज जब जनप्रतिनिधियों पर अक्सर उदासीनता या वादाखिलाफी के आरोप लगाए जाते हैं, ऐसे में विधायक तेजपाल नागर का यह सक्रिय और जनभावना-संवेदनशील नेतृत्व उदाहरण के योग्य है। उन्होंने न केवल एक लंबे समय से लंबित मांग को शासन तक पहुंचाया, बल्कि उसे मूर्त रूप दिलवाने में निर्णायक भूमिका निभाई। क्षेत्र की जनता को उनके इस योगदान के लिए आभार और सम्मान प्रकट करना चाहिए।
यह पहल न केवल एक भौतिक निर्माण है, बल्कि यह सामाजिक सम्मान, सांस्कृतिक परंपरा और नागरिक सुविधा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।