
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला जूनियर डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है। मंगलवार को दिए गए इस आदेश के बाद बुधवार को सीबीआई की टीम कोलकाता पहुंच गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए देशभर में डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश के भोपाल एम्स और छत्तीसगढ़ के रायपुर में अंबेडकर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर्स ने विरोध स्वरूप काम बंद कर दिया है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में डॉक्टर और अन्य स्टाफ काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं।
भोपाल में डॉक्टर्स का उग्र प्रदर्शन
भोपाल के एम्स में बुधवार को भी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी रही। हड़ताल के दूसरे दिन मरीजों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक मरीज के परिजन ने बताया कि हड़ताल के चलते इलाज में दिक्कतें हो रही हैं और उन्होंने डॉक्टर्स से जल्द हड़ताल खत्म करने की अपील की, ताकि मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
हड़ताल कर रहे एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, “हमें न्याय की उम्मीद है, और कोर्ट ने भी मामले को संज्ञान में लिया है। हालांकि, राज्य सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। हम सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं, ताकि हम सुरक्षित माहौल में काम कर सकें।”
धरना तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता
एक अन्य जूनियर डॉक्टर ने आरोप लगाया कि जहां यह घटना हुई, वहां कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया गया है, जिससे सबूत मिटाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती, हम धरने पर बने रहेंगे। सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट 2019 में बना था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है। हम लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन हमें सुरक्षा नहीं दी जा रही है।”
भोपाल एम्स के 600 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं, और उनकी मांग है कि कोलकाता केस के आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए। हड़ताल के चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं न बिगड़े, इसके लिए नर्सिंग स्टाफ ने मोर्चा संभाल रखा है। नर्सिंग स्टाफ OPD, ड्रेसिंग, और माइनर ऑपरेशन में पूरा सहयोग कर रहा है। सीनियर डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी संभाल रखी है।
रायपुर में भी जोरदार प्रदर्शन
रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भी जूनियर डॉक्टर्स ने एक दिन की हड़ताल कर धरना दिया है। उनका कहना है कि डॉक्टर मरीजों की जान बचाते हैं, लेकिन वे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते। रायपुर में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को नर्स एसोसिएशन का समर्थन मिला है। वे कोलकाता की घटना पर पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। साथ ही, सेंट्रल हेल्थ वर्कर एंड हेल्थ एस्टेबलिशमेंट एक्ट को देशभर में लागू करने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों में सीसीटीवी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए।

VIKAS TRIPATHI
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