Wednesday, July 2, 2025
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जज के खिलाफ महाभियोग: प्रक्रिया, जांच और अंतिम फैसला कौन करता है?

Impeachment of Judges: हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के विवादित बयान को लेकर विपक्षी दलों ने महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। जस्टिस यादव ने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यकों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसके बाद उनकी आलोचना हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत भेजी गई है। आइए समझते हैं, जज के खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया और कौन इसका अंतिम फैसला करता है।

जज के खिलाफ महाभियोग कैसे लाया जाता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत सुप्रीम कोर्ट और अनुच्छेद 218 के तहत हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है। किसी जज को हटाने के लिए “कदाचार” (misbehavior) और “असक्षमता” (incapacity) को आधार माना जाता है।

महाभियोग की प्रक्रिया

  1. सदस्यों का समर्थन:
    • लोकसभा में महाभियोग लाने के लिए कम से कम 100 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
    • राज्यसभा में इसके लिए 50 सदस्यों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं।
  2. जांच समिति का गठन:
    प्रस्ताव आने के बाद लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति द्वारा एक तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई जाती है।
    • समिति में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या किसी अन्य जज को अध्यक्ष बनाया जाता है।
    • एक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और एक प्रतिष्ठित कानूनविद को भी समिति में शामिल किया जाता है।
  3. जांच और रिपोर्ट:
    • समिति जज के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करती है।
    • जांच रिपोर्ट संसद में पेश की जाती है।
  4. संसद में बहस और फैसला:
    • दोनों सदनों में रिपोर्ट पर बहस होती है।
    • जज को भी अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाता है।
    • अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो प्रस्ताव बहुमत से पारित किया जाता है।
  5. राष्ट्रपति का निर्णय:
    संसद द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति इसे मंजूरी देते हैं। इसके बाद जज को उनके पद से हटाया जाता है।

अंतिम फैसला किसका होता है?

जांच समिति की रिपोर्ट और संसद के दोनों सदनों में बहस के बाद अंतिम फैसला संसद का होता है। संसद के निर्णय पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाते हैं। अगर आरोप सही नहीं पाए जाते, तो महाभियोग प्रस्ताव खारिज कर दिया जाता है।

वर्तमान मामला

जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान को लेकर विपक्षी दल महाभियोग प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में जुटे हैं। इस मामले ने न केवल न्यायपालिका बल्कि संसद और जनता के बीच चर्चा को जन्म दिया है।

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VIKAS TRIPATHI
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