
Grand Inauguration of ‘Keshav Kunj’ in Jhandewalan: दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को झंडेवालान में पुनर्निर्मित ‘केशव कुंज’ के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में संघ कार्य के विस्तार और उसकी भव्यता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संघ की दशा बदली है, लेकिन उसकी दिशा नहीं बदलनी चाहिए। यह भवन संघ के कार्यों का केंद्र बनेगा और इससे प्रेरणा लेकर हमें अपने कार्य को और भव्य रूप देना होगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित कई वरिष्ठ नेता और स्वयंसेवक उपस्थित थे।
संघ कार्य का सतत विस्तार और विश्वगुरु बनने का लक्ष्य
सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस अवसर पर कहा, “संघ कार्य अब पूरे विश्व तक जाएगा और भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा। हमें यह कार्य अपनी आँखों से पूरा होते देखने का सौभाग्य मिलेगा, लेकिन इसके लिए स्वयंसेवकों को पुरुषार्थ करना होगा।” उन्होंने स्वयंसेवकों को सतर्क रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि अनुकूलता का वातावरण हमें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता बताता है।

भागवत ने दिल्ली में संघ कार्यालय की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दिल्ली देश की राजधानी होने के कारण यहां से महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन होता है। इसी सोच के तहत झंडेवालान में ‘केशव कुंज’ का पुनर्निर्माण किया गया है, जो आने वाले वर्षों में संघ कार्य का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
केशव कुंज: संघ का नया कार्यक्षेत्र और सुविधाओं से परिपूर्ण भवन
‘केशव कुंज’ केवल एक कार्यालय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय विचारों, संगठन शक्ति और समाज सेवा का प्रतीक है। इसका पुनर्निर्माण 2016 में मोहन भागवत द्वारा शिलान्यास के बाद शुरू हुआ था और अब यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक भव्य संरचना के रूप में सामने आया है।
केशव कुंज की प्रमुख विशेषताएँ:
1. तीन भव्य टॉवर
• साधना टॉवर: संगठनात्मक गतिविधियों और प्रशिक्षण के लिए।
• प्रेरणा टॉवर: विचार-विमर्श और रणनीति निर्माण के लिए।
• अर्चना टॉवर: प्रशासनिक कार्यों के लिए।
2. संघ विचारों के प्रसार के लिए आधुनिक सुविधाएँ
• अशोक सिंहल सभागार: बड़ी बैठकों, संगोष्ठियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए।
• केशव पुस्तकालय: राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रेरित साहित्य और शोध सामग्री के लिए।
• सुरुचि प्रकाशन: संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए पुस्तकें और साहित्य प्रकाशित करने हेतु।
3. सेवा और पर्यावरण के लिए नवाचार
• ओपीडी चिकित्सालय: आम जनता और स्वयंसेवकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएँ।
• 150 किलोवाट का सोलर प्लांट: ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए।
• 140 केएलडी एसटीपी प्लांट: जल पुनर्चक्रण और कचरे के उचित निस्तारण के लिए।
4. आध्यात्मिकता और प्रेरणा का केंद्र
• दिव्य हनुमान मंदिर: आध्यात्मिक प्रेरणा और ध्यान केंद्र के रूप में।

संघ के 100 वर्षों की यात्रा और समाज में योगदान
इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी महाराज ने कहा कि संघ पिछले 100 वर्षों से हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवक भी शिवाजी के मावलों की तरह परिश्रमी, दृढ़निश्चयी और अडिग हैं।
उदासीन आश्रम दिल्ली के प्रमुख संत राघवानंद महाराज ने कहा कि संघ का सतत बढ़ता कार्य डॉक्टर हेडगेवार और गुरुजी के संकल्प का परिणाम है। संघ ने समाज में एकजुटता और राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान दिया है, और ‘केशव कुंज’ इस कार्य को और गति देने का माध्यम बनेगा।
भविष्य के लिए संघ का संकल्प
कार्यक्रम में संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उत्तर क्षेत्र संघचालक पवन जिंदल, दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल, वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी, सम्पर्क प्रमुख रामलाल, सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर, इंद्रेश कुमार, प्रेम गोयल और अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

संघ के स्वयंसेवकों और समाज के विभिन्न वर्गों ने इस भव्य भवन के निर्माण में योगदान दिया। इस अवसर पर उन सेवा प्रदाताओं का भी सम्मान किया गया, जिन्होंने भवन के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘केशव कुंज’ से निकलेगा राष्ट्रनिर्माण का संदेश
पुनर्निर्मित ‘केशव कुंज’ केवल एक इमारत नहीं, बल्कि संघ की विचारधारा और भारत के भविष्य निर्माण का प्रतीक है। मोहन भागवत के नेतृत्व में संघ कार्य सतत विस्तार की ओर अग्रसर है और इस केंद्र से आने वाले वर्षों में संघ की गतिविधियाँ और अधिक प्रभावी रूप से संचालित होंगी।
संघ के संकल्प को बल देने वाला ‘केशव कुंज’ अब राष्ट्रनिर्माण की नई यात्रा के लिए तैयार है!