Monday, June 30, 2025
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विशाखापत्तनम में ‘दिव्य कला मेला 2024’ का भव्य शुभारंभ: दिव्यांग कारीगरों की अनूठी प्रतिभाओं का उत्सव

विशाखापत्तनम – बहुप्रतीक्षित 19वें दिव्य कला मेले का आज विशाखापत्तनम में विधिवत उद्घाटन आंध्र प्रदेश के माननीय राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर द्वारा किया गया। इस विशेष मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, विशाखापत्तनम के सांसद भारत मुथुकुमिल्ली और राज्यसभा सांसद बाबू राव सहित अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

सशक्तिकरण और एकता का मंच

उद्घाटन समारोह के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को प्रमुखता से दिखाया गया।

स्वच्छता शपथ और दिव्यांगों के लिए आर्थिक सहायता

इस आयोजन में स्वच्छता शपथ दिलाई गई, जिससे स्वच्छता और सामुदायिक जिम्मेदारी के महत्व को बल मिला। इसके साथ ही एनडीएफडीसी (नेशनल दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम) की योजनाओं के तहत 10 दिव्यांग लाभार्थियों को ₹40 लाख के रियायती ऋण प्रदान किए गए। साथ ही, एचपीसीएल, गेल इंडिया लिमिटेड, आईओसीएल और कोरोमंडल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण भी वितरित किए गए।

राज्यपाल का संदेश

माननीय राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने दिव्य कला मेले को दिव्यांग कारीगरों के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण मंच बताते हुए कहा, “यह मेला न केवल दिव्यांग उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त करता है, बल्कि उनके कौशल और रचनात्मकता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है।”

समावेशी भारत की दिशा में एक कदम

केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “दिव्य कला मेला दिव्यांगजनों की असाधारण क्षमता का प्रतीक है। यह उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता और कौशल को प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है।”

इस मेले में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 100 दिव्यांग कारीगर भाग ले रहे हैं, जो हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई और खाद्य उत्पादों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं। यह 11 दिवसीय मेला प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक चलेगा, जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और क्षेत्रीय व्यंजनों के फूड स्टॉल भी शामिल होंगे।

‘वोकल फॉर लोकल’ के साथ आत्मनिर्भरता का उत्सव

दिव्य कला मेला 2024 न केवल दिव्यांग कारीगरों को एक प्रमुख मंच प्रदान करता है, बल्कि समाज में समावेशी दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देता है। इस मेले के माध्यम से सरकार का उद्देश्य दिव्यांगजनों की रचनात्मकता और कौशल को एक नई पहचान देना है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित किया जा सके।

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