Sunday, July 6, 2025
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गाज़ीपुर – नवजात और प्रसूता के मौत पर आदित्य हॉस्पिटल सीज, झोलाछापो में हड़कंप

गाजीपुर : चिकित्सक की लापरवाही से बीते 25 जुलाई थान रोड स्थित आदित्य हॉस्पिटल में नवजात व प्रसूता के मौत के मामले में मुख्य चिकित्सधिकारी के निर्देश पर सेवराई तहसीलदार सुनील कुमार के नेतृत्व में सीएचसी प्रभारी डॉ धनंजय आनंद ने अस्पताल के मुख्य गेट व स्टाफ रूम को छोड़ कमरों को सीज कर दिया।अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया।स्वास्थ्य विभाग की इस कारवाई से खलबली मच गई।


    बिहार के रोहतास जनपद के कोचस थाना के पडियारी निवासी प्रसूता शिवबाला देवी पांच माह से रेवतिपुर थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव अपने मायके में रह रही थी।बीते 25 जुलाई को प्रसव पीड़ा होने पर रेवतिपुर स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक आशा उन्हें लेकर  नगर के आदित्य अस्पताल स्वजन संग पहुंची।स्वजन का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधक तौसीफ खाँ उर्फ भोलू द्वारा चालीस हजार रुपये की मांग की गई कि बच्चा और जच्चा दोनों की हालत ठीक नहीं लग रही है लेकिन आप भर्ती कराइये ऑपेरशन कर सब ठीक कर दिया जाएगा।ऑपेरशन के बाद मृत बच्ची पैदा हुई इसके कुछ देर बाद प्रसूता शिवबाला देवी की भी मौत हो गई थी।पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर कारवाई व मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश मांगा था।जांच के बाद अधिकारियों के निर्देश पर बीते 24 सितंबर को प्रसूता के पति सतेंद्र कुशवाहा के तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक तौसीफ खाँ उर्फ भोलू व अज्ञात चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज कर कारवाई में जुट गई थी।मंगलवार की दोपहर बाद सेवराई तहसीलदार सुनील कुमार के संग सीएचसी भदौरा प्रभारी डॉ धनंजय आनंद पहुंचे अस्पताल प्रबंधक भोलू खाँ व कर्मियों से अस्पताल सीज होने की बात बताई।इसके बाद अस्पताल में भर्ती दो मरीजों में एक को सीएचसी पर वे दूसरे को जिला अस्पताल भेजवाया उनके साथ स्वजन भी चले गए।इसके बाद अस्पताल के मुख्य गेट व स्टाफ रूम को छोड़ ऑपेरशन कक्ष सहित कमरों को सीज कर दिया।मौके पर मौजूद अस्पताल प्रबंधक भोलू खां से जब सीज वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया तो प्रबंधक ने साफ इंकार कर दिया।

आदित्य अस्पताल का रजिस्ट्रेशन को बीते 25 जुलाई को प्रसूता के मौत की घटना के बाद सीएमओ ने रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर दिया गया था।कई बार नोटिस देने के बाद भी प्रबंधक द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।बैगर रजिस्ट्रेशन के अस्पताल का संचालन होने पर तहसीलदार के नेतृत्व में अस्पताल को सीज किया गया है।अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेज दिया।

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