
नई दिल्ली 14 सितंबर (ANI): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय राजधानी में यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।
यह प्रतिनिधिमंडल डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर निशा बिस्वाल के नेतृत्व में था, जिसमें भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच भी शामिल थे।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार को हुई इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई, जिसमें खासकर भारत में निवेश के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट किया, “केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती @nsitharaman ने यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन @DFCgov के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की, जिसमें डिप्टी सीईओ सुश्री @NishaBiswal भी मौजूद थीं। डीएफसी ने कहा कि भारत निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है और कई अवसर प्रदान करता है।”
बैठक के दौरान, डीएफसी के प्रतिनिधियों ने भारत को निवेश के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में मान्यता दी। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध अनुकूल अवसरों को रेखांकित किया और देश में अपने निवेश को और बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
डीएफसी ने भारत में बुनियादी ढांचा, स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विकास पहलों का समर्थन करते हुए सक्रिय भूमिका निभाई है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने भी भारत और अमेरिका के बीच बहु-आयामी और व्यापक सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हाल के सुधार और देश में बदलता हुआ निवेश माहौल विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार कर रहा है। उन्होंने खासकर सतत विकास और नवाचार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
हाल ही में, यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) ने भारत के निजी क्षेत्र में 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर के नए निवेश की घोषणा की है।
इन निवेशों का उद्देश्य भारत और अमेरिका की सरकारों की प्रमुख प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाना है, जिसमें स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करना, विशेष रूप से टीकाकरण कार्यक्रमों को मजबूत करना, किफायती आवास तक पहुंच का विस्तार करना, और छोटे व्यवसायों को अधिक समर्थन प्रदान करना शामिल है।