Tuesday, July 1, 2025
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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: मतदाता सूची होगी अब और सटीक, मतदाता पर्ची अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल

नई दिल्ली।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदाता सूची की सटीकता और मतदान प्रक्रिया की सुगमता को बेहतर बनाने के लिए तीन महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी की उपस्थिति में यह निर्णय मार्च 2025 में लिया गया।

चुनाव आयोग की इस नई पहल में तीन प्रमुख बिंदुओं पर फोकस किया गया है:

1. मृत मतदाताओं का नाम सूची से हटाना – अब रजिस्टर्ड मौतों की जानकारी स्वतः

आयोग अब भारत के रजिस्ट्रार जनरल से मृत्यु पंजीकरण डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा। यह प्रक्रिया मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (2023 संशोधित) की धारा 3(5)(बी) के अंतर्गत होगी।

इससे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (EROs) को मृत्यु की सूचना समय पर मिल सकेगी और मतदाता सूची को वास्तविक स्थिति के अनुसार अपडेट किया जा सकेगा।
बीएलओ (Booth Level Officer) अब बिना किसी फॉर्मल अनुरोध के फॉर्म 7 के अंतर्गत फील्ड विजिट कर मृतकों की जानकारी सत्यापित कर सकेंगे।

2. बीएलओ को मिलेगा स्टैंडर्ड इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र

चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किए हैं कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत सभी बीएलओ को एक मानक फोटो पहचान पत्र (Standard Photo ID) जारी किया जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जब बीएलओ घर-घर जाकर नागरिकों से संपर्क करें, तो लोग उन्हें पहचान सकें और उन पर भरोसा कर सकें।

इससे मतदाता पंजीकरण व सत्यापन अभियान अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बन सकेगा।

3. मतदाता सूचना पर्ची (VIS) होगी अब और मतदाता-अनुकूल

VIS (Voter Information Slip) का डिज़ाइन बदला जाएगा ताकि यह मतदाताओं के लिए अधिक स्पष्ट और उपयोगी हो।

  • मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या को अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।
  • फॉन्ट साइज़ को बड़ा किया जाएगा ताकि मतदान केंद्र पहचानना और सूची में नाम खोजना आसान हो सके।

इससे न केवल मतदाताओं को सुविधा होगी, बल्कि मतदान केंद्रों पर काम कर रहे अधिकारियों को भी मतदाता पहचान में आसानी होगी।

चुनाव आयोग की यह पहल क्यों है अहम?

बीएलओ नागरिक और चुनाव आयोग के बीच पहले संपर्क का माध्यम होते हैं। उनकी पहचान सुनिश्चित कर जनता से संवाद को मजबूत करना, मतदाता सूची को जीवंत और अद्यतन रखना, तथा सूचना पर्ची को बेहतर बनाना – ये तीनों कदम विश्वसनीय चुनाव प्रक्रिया की दिशा में अहम साबित होंगे।


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VIKAS TRIPATHI
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