
उत्तर प्रदेश के संभल में सीओ अनुज चौधरी के बयान को लेकर मचा विवाद अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। विपक्ष ने सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए तीखी आलोचना की, जिसके बाद अब संभल के डीएम राजेंद्र पसिया ने अधिकारियों की मीडिया ब्रीफिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
अब बिना अनुमति कोई अधिकारी नहीं देगा बयान
संभल के डीएम राजेंद्र पसिया ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब जिले में कोई भी छोटा या बड़ा अधिकारी बिना डीएम और एसपी की अनुमति के मीडिया से बातचीत नहीं करेगा। यह फैसला सीओ अनुज चौधरी के बयान को लेकर मचे बवाल के बाद लिया गया है।
क्या था सीओ अनुज चौधरी का बयान?
होली और जुमे के एक ही दिन पड़ने को लेकर सीओ अनुज चौधरी का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था—
“जुमा साल में 52 बार आता है, लेकिन होली साल में सिर्फ एक बार आती है। अगर मुस्लिम समुदाय को लगता है कि होली के रंग से उनका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा, तो वे उस दिन घर से न निकलें। अगर कोई उपद्रवी होली पर गलत कार्य करता हुआ पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम संभल में शांति व्यवस्था बिगड़ने नहीं देंगे।”
सीओ के बयान पर सपा का हमला, अखिलेश यादव ने जताई नाराजगी
सीओ के बयान के वायरल होते ही विपक्ष ने इसे भड़काऊ और विभाजनकारी करार दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने सरकार और प्रशासन को घेरा।
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट कर भाजपा और सीओ अनुज चौधरी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “अगर प्रशासन के अधिकारी ही नकारात्मक बयान देंगे, तो सामाजिक सौहार्द की रक्षा कैसे होगी?”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। समाजवादी पार्टी के नेता ने संभल सीओ अनुज चौधरी के बयान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अनुज चौधरी वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने दंगे कराए थे। जब कभी व्यवस्था (सरकार) बदलेगी, ऐसे लोगों को जेल में रहना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अनुज चौधरी वही अधिकारी हैं, जो हमेशा गलत बयान देते रहे हैं।
संभल में जारी राजनीतिक घमासान और प्रशासनिक फैसलों के बीच यह विवाद अब नया मोड़ ले चुका है।

VIKAS TRIPATHI
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