
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने गणेश चतुर्थी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके घर पर पूजा में शामिल होने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री एक निजी कार्यक्रम में उनके घर आए थे, यह कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं था।
चंद्रचूड़ ने कहा, “इस मुलाकात में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सामान्य सामाजिक मुलाकात है।” चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे।

पीएम मोदी के आने पर उठे सवालों का जवाब
इस साल 11 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी चंद्रचूड़ के घर गणेश चतुर्थी की पूजा में शामिल हुए थे, जिस पर कई वरिष्ठ वकीलों और राजनीतिक दलों ने आलोचना की थी। हालांकि, कुछ वकीलों ने इसे सामान्य बताया। इस पर चंद्रचूड़ ने कहा, “अदालत के कामों के लिए न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद सामान्य है। हम वहां कोई सौदा करने के लिए नहीं थे।” उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “यह कोई केंद्रीय सतर्कता आयुक्त या सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए सेलेक्शन कमिटी की बैठक नहीं थी।”
‘ए’ से ‘जेड’ तक सबको बेल दी
जस्टिस चंद्रचूड़ ने अदालत में बेल न दिए जाने के सवाल पर कहा, “बेल नियम है और इसे अपवाद की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।” उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बेल के कई मामलों का निपटारा किया और कहा, “मैंने सभी को बेल दी है – ‘अर्नब’ से लेकर ‘जुबैर’ तक। यही मेरा सिद्धांत है।”

स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब हमेशा सरकार के ख़िलाफ़ फ़ैसला देना नहीं
चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब यह नहीं होता कि वह हमेशा सरकार के खिलाफ फैसला दे। उन्होंने कहा, “न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ सरकार के प्रभाव से मुक्त रहना है, लेकिन यह इसके अलावा भी बहुत कुछ है। कुछ समूहों के मुताबिक, यदि हम उनके पक्ष में निर्णय देते हैं तो स्वतंत्र हैं, वरना नहीं। मुझे इस पर आपत्ति है।”
न्यायपालिका में नियुक्तियों पर विचार
न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा कि कॉलेजियम ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं और अब सरकार की मंजूरी का इंतजार है। उन्होंने बताया कि कॉलेजियम के प्रस्तावित 42 में से 40 नामों को मंजूरी मिल चुकी है और 27 नाम अब भी सरकार के पास लंबित हैं।

प्रधानमंत्री के घर आने पर वरिष्ठ वकीलों की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री के साथ चंद्रचूड़ की मुलाकात को लेकर वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने आलोचना करते हुए इसे अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि इससे सीजेआई ने खुद को ‘एक्सपोज’ कर दिया। दवे ने कहा कि चंद्रचूड़ ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों पर कोई निर्णय नहीं दिया, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून और हिजाब जैसे मुद्दे शामिल हैं।
मुख्य न्यायाधीश के तौर पर चंद्रचूड़ के अहम फैसले
चंद्रचूड़, भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं और उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जिनमें गोपनीयता का अधिकार, माइनिंग टैक्स रिकवरी, अनुच्छेद 370 का मामला, जीएसटी काउंसिल और गर्भपात के अधिकार शामिल हैं।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।