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Delhi CM: दिल्ली की राजनीति में आज एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। 11 दिन के सस्पेंस के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री के रूप में अपना चेहरा घोषित किया है। शालीमार बाग से पहली बार विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने के साथ ही बीजेपी ने कई अहम राजनीतिक लक्ष्य साधे हैं। रेखा के जरिए बीजेपी ने दिल्ली के 53 प्रतिशत वोटरों को साधने की कवायद की है, साथ ही इस महिला नेता के मुख्यमंत्री बनने से बीजेपी ने केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहकर हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों को भी साधने का प्रयास किया है।
दिल्ली में महिला और वैश्य समुदाय का दबदबा
दिल्ली में महिला वोटरों की संख्या करीब 46 प्रतिशत है, जो किसी भी पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बार के विधानसभा चुनावों में महिलाओं के मुद्दे और उनके लिए घोषणाएं अहम चर्चा का विषय रही। बीजेपी ने 4 महिला विधायकों को विधानसभा में भेजा है, जिसमें रेखा गुप्ता प्रमुख नाम हैं। इसके अलावा, दिल्ली में वैश्य समुदाय की आबादी करीब 7 प्रतिशत है, और रेखा गुप्ता इस समुदाय से आती हैं। महिला और वैश्य समुदाय की संयुक्त आबादी 53 प्रतिशत है, जो बीजेपी के लिए एक रणनीतिक लाभ साबित हो सकता है।
रेखा गुप्ता: महिला नेतृत्व में बीजेपी का नया चेहरा
दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता का नाम जुड़ा है। इससे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी भी महिला मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं। रेखा गुप्ता की नियुक्ति से बीजेपी ने महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाने का संदेश दिया है, और पार्टी की ओर से महिला और वैश्य समुदाय को सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है।
हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल: बीजेपी का विस्तार रणनीति
रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले में हुआ था, और वह वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो हरियाणा में 5 प्रतिशत की आबादी है। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, और रेखा की नियुक्ति से वैश्य समुदाय पर बीजेपी का प्रभाव और मजबूत होगा। यहां लोकसभा की 10 और विधानसभा की 90 सीटें हैं, और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के अंत में होने हैं, और बीजेपी ने रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने को वैश्य और ब्राह्मण वोटरों को साधने का एक और प्रयास माना है। बिहार में वैश्य समुदाय की आबादी करीब 5 प्रतिशत है, जो विधानसभा की 30 सीटों पर प्रभाव डालता है। रेखा गुप्ता का सितारे प्रचारक के रूप में बिहार चुनावों में अहम रोल हो सकता है।
पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी की नजरें हैं। 2026 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का मुकाबला ममता बनर्जी की पार्टी से है, और पार्टी ने रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद बंगाल में महिला मुख्यमंत्री के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की रणनीति अपनाई है। पश्चिम बंगाल में वैश्य समुदाय की आबादी 2 प्रतिशत है, और बीजेपी ने दिल्ली में मिली जीत को आधार बना कर बंगाल में भी वैश्य समुदाय को अपने पक्ष में करने की रणनीति बनाई है।
बीजेपी की राजनीति में नया अध्याय: चुनौती और अवसर
रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनने से दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। बीजेपी ने महिला और वैश्य समुदाय दोनों को अपने पक्ष में करने के लिए रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया, जो न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि हरियाणा, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी पार्टी को मजबूती प्रदान कर सकता है। हालांकि, रेखा गुप्ता के लिए चुनौतियां भी बड़ी होंगी, खासकर दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव रहेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रेखा गुप्ता इस पद का दायित्व निभाते हुए दिल्ली के विकास को नई दिशा देती हैं और पार्टी की रणनीति में किस हद तक सफलता प्राप्त करती हैं।
बीजेपी की महिला नेतृत्व का भविष्य:
रेखा गुप्ता की नियुक्ति के बाद बीजेपी के लिए महिला नेतृत्व को और अधिक सशक्त करने का अवसर है, और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में महिला और वैश्य समुदाय की ओर से मिलने वाली लोकप्रियता से पार्टी का भविष्य और मजबूत हो सकता है।
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VIKAS TRIPATHI
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