
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के सभी राजनीतिक दल चुनावी मोड में आ चुके हैं। हर दल अपनी रणनीति तैयार कर रहा है, लेकिन इस बार चुनाव में सबसे अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं युवा मतदाता। आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की 58% आबादी 25 साल से कम उम्र की है, जो इसे देश का सबसे युवा राज्य बनाती है। इस युवा आबादी को साधने के लिए राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी रणनीति तैयार कर ली है। इसी कड़ी में प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने राजधानी पटना में ‘युवा चौपाल’ का आयोजन किया, जिसमें राज्यभर से बड़ी संख्या में युवा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरजेडी इस चौपाल के जरिए युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही है। राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षा की बदहाली और रोजगार के लिए अन्य राज्यों में पलायन जैसे मुद्दे युवाओं के लिए सबसे ज्यादा अहम हैं, और राजनीतिक दल इन मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं।
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बिहार: सबसे युवा राज्य, लेकिन युवाओं की समस्याएं बरकरार
बिहार देश का सबसे युवा राज्य है, जहां की 58% आबादी 25 साल से कम उम्र की है। लेकिन विडंबना यह है कि इतनी बड़ी युवा जनसंख्या होने के बावजूद राज्य में रोजगार, कौशल विकास और उच्च शिक्षा की सुविधाओं की भारी कमी है। इसके कारण लाखों युवा हर साल दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर होते हैं।
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में युवा आबादी लगातार बढ़ रही है। अनुमान के अनुसार, वर्तमान में बिहार की कुल आबादी करीब 14.91 करोड़ है, जिसमें 7.55 करोड़ पुरुष और 7.36 करोड़ महिलाएं हैं।
युवाओं का वोटिंग पैटर्न
आंकड़ों के अनुसार, बिहार में युवा वोटरों की संख्या सबसे अधिक है:
• 18-19 साल के वोटर – 6,80,559
• 20-29 साल के वोटर – 1,68,62,618
• 30-39 साल के वोटर – 2,04,28,150
• 40-49 साल के वोटर – 1,57,62,849
यानी, 18-39 साल के वोटरों की संख्या राज्य में सबसे ज्यादा है, जो किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
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युवा चेहरों पर दांव खेल रहे राजनीतिक दल
बिहार की राजनीति में युवा चेहरों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। सत्ताधारी एनडीए (NDA) और विपक्षी महागठबंधन (MGB) दोनों ही युवा नेताओं को आगे कर रहे हैं।
एनडीए (NDA) के युवा चेहरे:
• सम्राट चौधरी – उपमुख्यमंत्री (BJP)
• चिराग पासवान – केंद्रीय मंत्री, लोजपा (रामविलास)
• संतोष कुमार सुमन – मंत्री, हम पार्टी
• शांभवी चौधरी – लोकसभा सांसद, लोजपा
• श्रेयसी सिंह – विधायक, बीजेपी
• राजेश वर्मा – लोकसभा सांसद, लोजपा
इसके अलावा, जेडीयू (JDU) में भी सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की एंट्री को लेकर अटकलें तेज हैं।
विपक्ष के युवा चेहरे:
• तेजस्वी यादव – नेता प्रतिपक्ष, आरजेडी
• तेज प्रताप यादव – विधायक, आरजेडी
• संदीप सौरभ – विधायक, भाकपा माले
• कृष्ण अल्लावरू – कांग्रेस के नए बिहार प्रभारी
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युवाओं को लुभाने के लिए रोजगार और विकास पर फोकस
वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव कुमार का कहना है कि युवा मतदाता चुनाव में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। 2019 लोकसभा और 2020 विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने रोजगार और पलायन के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाया था, जिससे उन्हें युवाओं का अच्छा समर्थन मिला।
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की पुरानी पीढ़ी अब भी लालू-राबड़ी शासनकाल की यादों के कारण आरजेडी से दूरी बनाए हुए है, लेकिन नई पीढ़ी को उस दौर से ज्यादा मतलब नहीं है। वे रोजगार, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं को लेकर फैसले ले रहे हैं। यही कारण है कि तेजस्वी यादव लगातार युवाओं के मुद्दों पर जोर दे रहे हैं और उनके लिए अलग से घोषणाएं कर सकते हैं।
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क्या युवा वोटर बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर करेंगे?
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार युवा वोटरों की भूमिका सबसे अहम होगी। जिस भी दल को युवा वोटरों का समर्थन मिलेगा, उसकी जीत की संभावना बढ़ जाएगी। राजनीतिक दल भी इसे समझते हैं और युवाओं के मुद्दों को अपनी चुनावी रणनीति का केंद्र बना रहे हैं।
क्या इस बार बिहार के युवा रोजगार और विकास के मुद्दे पर मतदान करेंगे? क्या तेजस्वी यादव की युवा राजनीति सफल होगी या एनडीए अपनी पकड़ बरकरार रखेगा? यह तो आने वाले चुनावी नतीजे ही बताएंगे, लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में युवा वोटरों की ताकत पहले से कहीं ज्यादा प्रभावशाली होने वाली है।