Tuesday, July 1, 2025
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20 साल बाद फिर एक साथ? महाराष्ट्र में ठाकरे भाइयों की जुगलबंदी के संकेत, बीजेपी में हलचल, नितेश राणे ने कसा तंज

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर संभव है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे, जो दो दशक पहले राजनीतिक राहें अलग कर चुके थे, अब एक बार फिर साथ आने की संभावना जता रहे हैं। दोनों नेताओं ने संकेत दिए हैं कि यदि महाराष्ट्र और मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए साथ आना पड़े, तो वे मतभेदों को किनारे रखने को तैयार हैं।

उद्धव-राज की नजदीकियों से बढ़ी हलचल, बीजेपी में बेचैनी

राजनीतिक गलियारों में इस संभावित गठबंधन को लेकर खलबली मची है। बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे ने इस पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि,

“क्या उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे को जवाब देने से पहले अपनी पत्नी रश्मि से इजाज़त ली? क्योंकि उनके हर निर्णय में रश्मि की राय सबसे अहम होती है।”

राणे का ये बयान सीधे-सीधे ठाकरे परिवार की आंतरिक राजनीति पर निशाना है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज के शिवसेना छोड़ने के पीछे रश्मि ठाकरे की भूमिका प्रमुख थी। राणे ने कहा कि अगर दोनों फिर साथ आते हैं तो भी ‘महायुति’ को कोई नुकसान नहीं होगा।

महेश मांजरेकर के शो पर बोले राज ठाकरे – ‘महाराष्ट्र का हित सबसे बड़ा’

यह बयान उस वक्त आया जब राज ठाकरे ने फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर के यूट्यूब चैनल पर एक साक्षात्कार में खुलकर कहा कि,

“उद्धव से मतभेद और झगड़े छोटे हैं। महाराष्ट्र और मराठी जनता का हित बड़ा है। अगर इच्छा हो, तो साथ आने में कोई दिक्कत नहीं।”

उद्धव का भी जवाब – ‘पहले तय करो, किसके साथ है महाराष्ट्र का हित’

राज के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने भी कहा,

“मैं हर विवाद को किनारे रखने को तैयार हूं, लेकिन पहले ये तय होना चाहिए कि महाराष्ट्र और हिंदुत्व का असली हित किसके साथ है – बीजेपी के साथ, हमारी शिवसेना के साथ या गद्दारों की सेना के साथ?”

राजनीतिक पृष्ठभूमि – 2005 में टूटा था रिश्ता

2005 में राज ठाकरे ने पारिवारिक विवाद और नेतृत्व को लेकर मतभेदों के कारण शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था और बाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की स्थापना की थी। लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि बदलते सियासी समीकरण और मराठी अस्मिता की राजनीति उन्हें फिर एकजुट कर सकती है।

क्या यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति को बदल देगा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि ठाकरे बंधु एक होते हैं, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में 2024 और 2029 के चुनावी समीकरणों को पूरी तरह पलट सकता है। खासकर शहरी मराठी वोट बैंक पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

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VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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