सोलन (हिमाचल प्रदेश): भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन में एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसानों को “अन्नदाता से बढ़कर राष्ट्र का भाग्य विधाता” बताया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का मार्ग खेतों से होकर ही निकलेगा, और इसके लिए कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाना समय की मांग है।
कृषि से कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ओर — एक नई दिशा
उपराष्ट्रपति ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा सौभाग्यशाली है जो Agricultural Intelligence से Artificial Intelligence की दिशा में अग्रसर हो सकता है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में AI को ग्रामीण भारत में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला उपकरण करार दिया।
“AI सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, यह कृषि में नवाचार और आत्मनिर्भरता का नया अध्याय है।”
सीधी सब्सिडी से किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
धनखड़ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की वर्तमान ₹6,000 वार्षिक राशि को मुद्रास्फीति के अनुरूप बढ़ाकर ₹30,000 प्रति वर्ष करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए, तो वे स्वयं तय कर सकते हैं कि कौन सी खेती करनी है, कौन सी खाद चुननी है – रासायनिक या जैविक।
“किसान को निर्णय की स्वतंत्रता दीजिए, वह आपको बेहतर परिणाम देगा।”
‘टमाटर सड़कों पर क्यों जाए?’ — मूल्य संवर्धन और ग्रामीण उद्यमिता की जरूरत
उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण उद्यमिता और मूल्य संवर्धन पर जोर देते हुए कहा कि देश की खाद्य आपूर्ति प्रणाली को गांव-आधारित बनाना आवश्यक है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब टमाटर अधिक हो जाए, तो वह सड़कों पर क्यों फेंका जाए? उन्होंने खेत स्तर पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और ग्रामीण युवाओं को कृषि उद्यमी बनाने की बात कही।
“अमेरिका में किसान की आय एक सामान्य नागरिक से अधिक है क्योंकि सरकार से उसे सीधी मदद मिलती है। हमें यही मॉडल अपनाना चाहिए।”
‘Export Mentality’ पर उपराष्ट्रपति की नाराजगी
धनखड़ ने ‘Export Quality’ शब्दावली पर चिंता जताते हुए कहा कि यह मानसिकता बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देशवासियों को भी वही उत्तम गुणवत्ता वाला भोजन और वस्त्र मिलना चाहिए, जो विदेश भेजे जाते हैं।
महिला नेतृत्व और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा की सराहना
उन्होंने इस बात पर भी गर्व जताया कि आज वैश्विक मंचों पर भारतीय मूल के लोग और महिलाएं नेतृत्व कर रहे हैं, जो भारत की सामाजिक प्रगति का प्रमाण है।
कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां रहीं मौजूद
इस अवसर पर सांसद सुरेश कुमार कश्यप, हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।