
दिल्ली की रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने विधानसभा में आज CAG रिपोर्ट पेश की, जिसमें केजरीवाल सरकार के दौरान हुए कथित शराब घोटाले का खुलासा किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि 2021-22 की आबकारी नीति के कारण दिल्ली सरकार को 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इसी नीति को लागू करने में कथित घोटाले के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लंबे समय से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
CAG रिपोर्ट में शराब घोटाले के 3 बड़े खुलासे
1. दिल्ली सरकार को हुआ 2 हजार करोड़ का नुकसान
CAG रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार को नॉन-कंफॉर्मिंग वार्डों में शराब की दुकानें न खोलने, लाइसेंस सरेंडर होने के बाद दोबारा टेंडर न करने और कोरोना के नाम पर जोनल लाइसेंस शुल्क माफ करने जैसे फैसलों से कुल 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
2. सरकार का राजस्व घटा, लेकिन थोक विक्रेताओं को हुआ फायदा
CAG के अनुसार, आबकारी नीति 2010 के नियम 35 को लागू करने में AAP सरकार पूरी तरह विफल रही, जिससे शराब मैन्युफैक्चरिंग, थोक और खुदरा बाजार में असंतुलन आ गया। थोक विक्रेताओं को 5-12% तक का मुनाफा हुआ, लेकिन सरकारी राजस्व में भारी गिरावट दर्ज की गई।
3. उपभोक्ताओं के पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा गया
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शराब की कीमतें मनमाने तरीके से बढ़ाने के लिए बाजार में प्रतिस्पर्धा खत्म कर दी गई। CAG ने बताया कि बिना कैबिनेट मंजूरी और उपराज्यपाल की अनुमति के छूट और रियायतें दी गईं, जिससे सरकार को नुकसान हुआ।
उपराज्यपाल की सिफारिश और जांच
जुलाई 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने CBI जांच की सिफारिश की, जिसके बाद यह मामला भाजपा के AAP सरकार पर राजनीतिक हमले का बड़ा हथियार बन गया। इसी घोटाले में केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह सहित AAP के कई बड़े नेता महीनों तक जेल में रहे।
भाजपा सरकार की ओर से पेश की गई CAG रिपोर्ट से AAP पर एक और बड़ा राजनीतिक हमला हुआ है, जिससे दिल्ली की राजनीति में नया भूचाल आ सकता है।