
उत्तर प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस योजना के तहत 16 जिलों में 23 नए बस टर्मिनलों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिससे प्रदेश में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। ये बस स्टेशन पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किए जाएंगे, और इस परियोजना पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। निर्माण कार्य के दौरान इन बस स्टेशनों को अस्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
इस संबंध में परिवहन मुख्य सचिव एल वेंकशटेश्वरलू और UPSRTC के एमडी मासूम अली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन सभी जिलों के डीएम और एसडीएम के साथ बैठक की, जहां ये बस स्टेशन बनाए जाने हैं। बैठक में बस स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा होने तक अस्थायी स्थान की व्यवस्था पर चर्चा की गई।
पीपीपी मॉडल के तहत विकसित किए जाने वाले 23 बस स्टेशनों में से 11 के लिए अनुबंध हो चुके हैं, जबकि 12 अन्य स्टेशनों पर मंत्री परिषद की स्वीकृति के बाद अनुबंध किए जाएंगे। इन बस स्टेशनों का निर्माण कार्य दो साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इन नए बस स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिनमें बस स्टैंड के साथ-साथ विभिन्न आउटलेट्स, मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी। विभाग का उद्देश्य है कि निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसलिए इन्हें अस्थायी रूप से दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा।
परिवहन विभाग गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, गोरखपुर, अयोध्याधाम, बुलंदशहर, बरेली, रायबरेली, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर, मथुरा और हापुड़ जैसे 16 जिलों में 23 बस स्टेशनों का आधुनिकीकरण करेगा।

VIKAS TRIPATHI
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