
महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं. वह इससे पहले सीएम भी रह चुके हैं. इनका नाम सबसे आगे इसलिए हैं क्योंकि बीजेपी महायुति गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है. उसने इस चुनाव में अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. बीजेपी के पास अपने 132 विधायक हैं. साथ ही छोटे दलों और निर्दलीय 5 विधायकों ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है. जिन निर्दलीयों ने समर्थन दिया है उनमें राष्ट्रीय समाज पार्टी के रत्नाकर गुट्टे, जनसुराज्य पार्टी के विनय कोरे और अशोक माने, युवा स्वाभिमानी पार्टी के रवि राणा, निर्दलीय शिवाजी पाटिल शामिल हैं. इन निर्दलियों के समर्थन से विधानसभा में बीजेपी की ताकत 137 हो गई है. बीजेपी को अपने दम पर सरकार बनाने के लिए सिर्फ 8 सीटों की और जरूरत है. ऐसे में साफ है कि गठबंधन में उसका कद सबसे बड़ा है. इसे देखते हुए ही बीजेपी मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस का नाम आगे कर रही है.
सीएम का पुराना अनुभव
एक्सपर्ट के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस चुनाव से पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम थे. एकनाथ शिंदे जब शिवसेना से अलग होकर निकले तो बीजेपी ने कम विधायक होने के बाद भी उन्हें सीएम बनाया और फडणवीस को डिप्टी सीएम. इसके बाद भी देवेंद्र फडणवीस ने कभी कोई विरोध नहीं किया. पार्टी के प्रति वह निष्ठा से काम करते दिखे. वह बीजेपी की सरकार में सीएम भी रह चुके हैं. इस बार भी गठबंधन में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए इनके सीएम बनने के चांज ज्यादा हैं.
अमित शाह और संघ का साथ
देवेंद्र फडणवीस के साथ राहत की बात ये है कि उन्हें सीधे अमित शाह का समर्थन मिला हुआ है. यही नहीं, फडणवीस को अमित शाह के साथ-साथ आरएसएस का भी समर्थन हासिल है. चुुनाव नतीजों के बाद 23 नवंबर की शाम फडणवीस नागपुर में जाकर मोहन भागवत से मिले भी थे. ऐसे में देवेंद्र फडणवीस सीएम पद के सबसे बड़े दावेदार साबित होते दिख रहे हैं.