
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी खींचतान जारी है। अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी। इस पर अंतिम फैसला दिल्ली में महायुति के नेताओं और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच बैठक में होगा।
अजित पवार ने जताई सहमति
सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी नेता अजित पवार ने बीजेपी के मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दे दिया है। यह संदेश उन्होंने दिल्ली में पार्टी के आलाकमान तक पहुंचा दिया है। अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहते हैं, तो एनसीपी के नेताओं द्वारा दबाव बनाए जाने की संभावना है, क्योंकि इससे शिंदे की शिवसेना एक मजबूत क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर उभर सकती है।
सीएम शिंदे की सक्रियता
मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला करने के लिए एकनाथ शिंदे भी दिल्ली रवाना होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि उनकी शीर्ष नेतृत्व के साथ फोन पर लगातार बातचीत जारी है। इस फैसले में विकास योजनाएं, लाड़की बहन योजना, धारावी पुनर्विकास परियोजना और प्रमुख नगर निगमों जैसे मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और ठाणे को भी ध्यान में रखा जाएगा।
अजित पवार का बयान
मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम पद को लेकर किसी भी फॉर्मूले पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे का अंतिम फैसला दिल्ली में ही लिया जाएगा।
आरएसएस का प्रभाव
अगले साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करेगा। ऐसे में संघ के करीबी किसी नेता को मुख्यमंत्री पद दिए जाने की संभावना है। हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी।
दो डिप्टी सीएम की संभावना
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र में इस बार भी दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। अजित पवार ने बीजेपी के सीएम पर सहमति जता दी है, जिससे साफ है कि वह डिप्टी सीएम का पद बरकरार रखेंगे।
बड़े सवाल
- अगर महाराष्ट्र में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनता है, तो एकनाथ शिंदे का भविष्य क्या होगा?
- वहीं, अगर एकनाथ शिंदे सीएम बने रहते हैं, तो देवेंद्र फडणवीस की भूमिका क्या होगी?
इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में दिल्ली में होने वाली बैठकों से साफ होगा। फिलहाल, महाराष्ट्र की राजनीति में यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है।