नोएडा: फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन में इस वर्ष दिवाली का पर्व सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, सृजनशीलता और समावेशिता का उत्सव बन गया। दिव्यांग बच्चों ने अपनी कल्पनाशीलता और मेहनत से दीयों की लौ में नई उम्मीदें जगा दीं। पूरे परिसर में बच्चों द्वारा बनाए गए रंग-बिरंगे दीये, मोमबत्तियाँ, चॉकलेट और सजावटी वस्तुएँ खुशियों की झिलमिलाहट बिखेर रही थीं।
“दीयों में झलकी आत्मनिर्भरता की चमक”
इस बार के उत्सव में नन्हे कलाकारों की प्रतिभा और आत्मनिर्भरता झलकती रही। हर दीया, हर सजावट का सामान बच्चों की रचनात्मक सोच और परिश्रम की गवाही दे रहा था। माता-पिता भी इस खुशी के पल में शामिल हुए — मंच पर माँ-बेटे की जोड़ी द्वारा प्रस्तुत मनमोहक नृत्य ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया, जबकि अन्य बच्चों ने भी गीत और नृत्य से माहौल को उल्लासमय बना दिया।
निमरत कौर ने बाँटी मुस्कानें, जगाई प्रेरणा
इस अवसर पर प्रसिद्ध अभिनेत्री निमरत कौर ने फाउंडेशन पहुंचकर बच्चों के साथ दिवाली की खुशियाँ साझा कीं। उन्होंने बच्चों संग दीये सजाए, मिठाइयाँ बाँटी और आत्मविश्वास से भरे उनके चेहरों पर मुस्कान जगाई।
निमरत कौर ने कहा, “यह बच्चों की रचनात्मकता ही है जो हर अंधेरे को रोशनी में बदल देती है। आज यहां सच्ची दिवाली मनाई जा रही है।”
हैंडलूम मंत्री ने बढ़ाया हौसला
उत्तराखंड के हैंडलूम मंत्री वीरेन्द्र दत्त सेमवाल ने भी बच्चों की कला की सराहना करते हुए उनके बनाए उत्पाद — दीये, मोमबत्तियाँ, चॉकलेट और सजावट का सामान — मंगवाए। उन्होंने कहा,
“सीमाएँ शरीर की नहीं, सोच की होती हैं। इन बच्चों ने साबित किया है कि दृढ़ इच्छा शक्ति से हर कठिनाई को अवसर में बदला जा सकता है।”
उनकी इस प्रेरक पहल ने बच्चों के मन में आत्मगौरव और उत्साह की नई ऊर्जा भर दी।
प्रेरणा से सजी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में भारत की पहली फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुनीता सूद और प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. भावना आनंद भी उपस्थित रहीं। दोनों ने बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें आत्मनिर्भरता और सकारात्मक सोच के महत्व से प्रेरित किया।
फाउंडेशन की टीम ने दिया संदेश — “हर दीपक एक कहानी है”
इस यादगार अवसर पर फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन के निदेशक डॉ. महिपाल सिंह, प्रबंध निदेशक डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुष्मिता भाटी, प्रशासन प्रमुख कृष्णा यादव, स्पेशल एजुकेटर इलिका रावत, सोशल और डिजिटल मीडिया मैनेजर सौम्या सोनी, तथा सेंटर मैनेजर सुरभि जैन उपस्थित रहे।
फाउंडेशन की टीम ने बताया कि निमरत कौर और सेमवाल जैसी हस्तियों के प्रोत्साहन ने बच्चों के आत्मविश्वास को नई उड़ान दी है।
संवेदना, सृजनशीलता और समर्थन — जब ये साथ हों, तभी सच्ची दिवाली होती है
यह आयोजन सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि एक संदेश था —जब संवेदना, समर्थन और सृजनशीलता एक साथ आते हैं, तो हर दीपक न केवल घरों को, बल्कि दिलों को भी रोशन कर देता है।