
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने जब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के वजन पर टिप्पणी की, तब शायद उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उनका यह बयान उन पर ही उल्टा पड़ जाएगा। उन्होंने सोचा था कि रोहित की फिटनेस पर सवाल उठाकर वह चर्चा में आ जाएंगी, लेकिन हुआ इसके ठीक उलटा। रोहित शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अपनी शानदार कप्तानी और दमदार बल्लेबाजी से टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिलाई, और अब पूरा देश उनकी तारीफ कर रहा है। वहीं, कांग्रेस को अपने प्रवक्ता के बयान पर सफाई देने में पसीना आ रहा है।
बयानबाजी बनाम बल्ले का जवाब
शमा मोहम्मद का बयान आते ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। खेल मंत्री मनसुख मांडविया से लेकर बीजेपी और सोशल मीडिया यूजर्स तक, सबने उनकी इस टिप्पणी की आलोचना की। लेकिन असली जवाब तो खुद रोहित शर्मा ने अपने बल्ले से दिया। फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ 76 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर उन्होंने टीम इंडिया की जीत की नींव रखी। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के योगदान से भारत ने यह खिताब अपने नाम किया, लेकिन इस जीत का सबसे बड़ा संदेश कांग्रेस को मिला—“क्रिकेट प्रदर्शन से जीता जाता है, बयानबाजी से नहीं!”
बीजेपी का मज़ेदार पलटवार
बीजेपी ने इस पूरे विवाद को भुनाने में जरा भी देर नहीं लगाई। पार्टी ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) अकाउंट पर एक एडिटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें फिल्म पुष्पा के मशहूर डायलॉग को नए अंदाज में पेश किया गया। वीडियो में अल्लू अर्जुन के चेहरे पर रोहित शर्मा का चेहरा लगाया गया और कैप्शन दिया गया—
“अनफिट समझा क्या? सुपरफिट है मैं!”
अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस की प्रवक्ता को उन्हीं के बयान से घेरते हुए यह साबित कर दिया कि राजनीति में हर गलत बयान का जवाब देने के लिए इंटरनेट के ट्रोल मास्टर्स हमेशा तैयार रहते हैं।
कांग्रेस की बैकफुट पर एंट्री
रोहित शर्मा की शानदार पारी के बाद कांग्रेस की तरफ से भी शमा मोहम्मद ने बयान जारी किया। उन्होंने “यू-टर्न” लेते हुए टीम इंडिया की तारीफ की और लिखा—
“चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन कर जीत हासिल करने के लिए टीम इंडिया को बधाई! कप्तान रोहित शर्मा को सलाम, जिन्होंने शानदार 76 रन बनाकर जीत की नींव रखी। श्रेयस अय्यर और के एल राहुल ने महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जिससे भारत को जीत मिली! यह एक यादगार जीत है!”
पर सवाल यह उठता है कि अगर रोहित शर्मा की फिटनेस इतनी बड़ी समस्या थी, तो उनकी तारीफ करने से पहले कांग्रेस को यह बयान देने की जरूरत ही क्या थी? अब कांग्रेस समर्थक भी असमंजस में हैं कि अपनी प्रवक्ता के बयान को सही ठहराएं या फिर खुद को बचाने के लिए सफाई दें।
सबक: राजनीति और क्रिकेट की पटरी अलग होती है!
यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के नेताओं ने गैरजरूरी बयानबाजी करके खुद की फजीहत करवाई हो। कभी सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना, तो कभी खिलाड़ियों की काबिलियत पर तंज कसना—कांग्रेस बार-बार यह भूल जाती है कि जनता भावनाओं से खेलती है, सिर्फ तर्कों से नहीं। इस पूरे मामले से कांग्रेस को एक सबक जरूर मिलना चाहिए कि क्रिकेट और राजनीति की पटरियां अलग होती हैं, और अगर आप क्रिकेट पर राजनीति करेंगे, तो बल्ला जवाब जरूर देगा।
अब सवाल यही है कि कांग्रेस अगली बार किस नए “वजनदार” बयान के साथ सुर्खियों में आएगी, और बीजेपी उसका जवाब देने के लिए कौन-सा नया मीम तैयार रखेगी?

VIKAS TRIPATHI
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