Tuesday, July 1, 2025
Your Dream Technologies
HomeUttar Pradeshकाशी में 300 साल पुराने मंदिर का विवाद: क्या सिद्धिश्वर महादेव मंदिर...

काशी में 300 साल पुराने मंदिर का विवाद: क्या सिद्धिश्वर महादेव मंदिर में फिर से होगी पूजा? मकान मालिक के ऐलान से बढ़ा विवाद

Varanasi siddhishwar mahadev mandir in madanpura: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक बार फिर मंदिर का विवाद चर्चा में आ गया है। मदनपुरा के गोल चबूतरे के पास स्थित मकान संख्या D-31 में एक बंद मंदिर मिला है, जिसे सिद्धिश्वर महादेव मंदिर बताया जा रहा है। इस मंदिर को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब ‘ढूंढे काशी’ नाम की संस्था ने इसे 300 साल पुराना बताया और स्कंध पुराण में इसका वर्णन होने का दावा किया।

मकान मालिक का ऐलान: “न बजेगा शंख, न होने देंगे पूजा”

मकान में रहने वाले शहाबुद्दीन का कहना है कि 1916 में उनके बुजुर्ग ताज बाबा ने यह संपत्ति करखी रियासत के रईस से खरीदी थी। उस समय मंदिर का स्वरूप आज जैसा ही था, लेकिन कोई शिवलिंग या पूजा सामग्री मौजूद नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम मंदिर का स्वरूप तो बनाए रखेंगे, लेकिन यहां पूजा-पाठ की अनुमति नहीं देंगे।

मंदिर के सामने ‘हर-हर महादेव’ का उद्घोष

जब इस मंदिर का पता चला, तो हिंदू पक्ष के लोगों ने वहां पूजा-पाठ की मांग उठाई। ढूंढे बनारस और सनातन रक्षक दल के लोग मंदिर के सामने शंख बजाने लगे और ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगाने लगे। स्थिति बिगड़ने से पहले बड़ी संख्या में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को हटाया और माहौल शांत कराया।

प्रशासन की कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीएम सिटी आलोक वर्मा और डीसीपी काशी जोन गौरव वंशवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की। प्रशासन ने इस विवाद के समाधान के लिए ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की मदद मांगी है। साथ ही राजस्व विभाग से भी संबंधित दस्तावेज मंगवाए गए हैं। एडीएम ने कहा कि 2-3 दिन के भीतर संपत्ति की कानूनी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

मंदिर विवाद को लेकर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए PAC की तैनाती कर दी गई है। डीसीपी गौरव वंशवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

श्री काशी विद्वत परिषद की मुहर

मामला तब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया जब श्री काशी विद्वत परिषद ने मंदिर को सिद्धिश्वर महादेव का पौराणिक मंदिर मानते हुए इस पर अपनी मुहर लगा दी। परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने इसे हिंदू समाज को सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को इस पर से अपना दावा छोड़ देना चाहिए ताकि यहां नियमित पूजा-पाठ की व्यवस्था हो सके।

मंदिर में राग-भोग और पूजा की मांग

श्री काशी विद्वत परिषद ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि मंदिर में राग-भोग और दर्शन-पूजन की व्यवस्था तत्काल कराई जाए। परिषद जल्द ही मंदिर का स्थलीय निरीक्षण करेगा और इस पूरे प्रकरण को विस्तार से समझेगा।

विवाद की जड़

  • 1916: करखी रियासत से मकान की खरीद
  • 40 साल से: मंदिर पर ताला लगा हुआ है
  • 300 साल पुराना: ढूंढे काशी संस्था का दावा
  • स्कंध पुराण: मंदिर का वर्णन होने की बात

आगे क्या होगा?

अब सभी की नजर प्रशासन की जांच और ASI की रिपोर्ट पर टिकी है। इस रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह मंदिर पौराणिक है और इस पर हिंदू समाज का अधिकार बनता है या नहीं। वहीं, हिंदू पक्ष पूजा-पाठ की अनुमति की मांग पर अड़ा हुआ है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि विवाद खड़ा करना उचित नहीं है।

क्या सिद्धिश्वर महादेव का यह मंदिर फिर से खुलेगा या ताले में ही बंद रहेगा? यह सवाल अभी अनसुलझा है।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button