पटना। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। कुशवाहा ने इस गंभीर मामले की जानकारी स्वयं सोशल मीडिया पर साझा करते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कुशवाहा ने अपने पोस्ट में बताया कि 7 जुलाई को शाम 7:25 बजे से 7:36 बजे के बीच उनके मोबाइल नंबर पर मोबाइल नंबर 7780012505 से तीन अलग-अलग धमकी भरे मैसेज भेजे गए। उन्होंने इन मैसेजों के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट के साथ साझा किए हैं।
धमकी में कहा गया – “राजनीति मत करो, नहीं छोड़ेंगे”
धमकी देने वाले ने साफ तौर पर लिखा, “राजनीति मत करो नहीं तो सही नहीं हो रहा, नहीं छोड़ेंगे हम आपको। पिछली बार धमकी दिया था बब्लू की तरफ से हम बोल रहे हैं… आपको पता चल जाएगा 15 तारीख को। भाई के खर्चे हम पूरा बिहार हिला देंगे। आपको जिसको बताना है बता दो।”
उपेंद्र कुशवाहा ने इसे सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार दिया है। उन्होंने लिखा,“यह अब केवल मेरी सुरक्षा का प्रश्न नहीं रह गया है, बल्कि लोकतंत्र और संविधान के मूल अधिकारों पर हमला है। प्रशासन से अपेक्षा है कि इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।”
पहले भी मिल चुकी हैं धमकियाँ, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का किया गया था जिक्र
यह पहली बार नहीं है जब उपेंद्र कुशवाहा को धमकी मिली हो। इससे पहले जून महीने में भी उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। उस समय धमकी देने वाले ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंध होने का दावा किया था और उन्हें 10 दिन के भीतर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी।
तब कुशवाहा को दो अलग-अलग मोबाइल नंबर (+91-6305129156 और +91-9229567466) से कॉल आए थे और साथ ही एक MMS/SMS भी आया था, जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि यदि वह एक विशेष राजनीतिक दल के खिलाफ बोलते रहे, तो उन्हें जान से हाथ धोना पड़ेगा।
राजनीतिक हलकों में बढ़ी चिंता, कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
लगातार मिल रही धमकियों ने न सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि बिहार की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है। एक वरिष्ठ सांसद को लगातार धमकियाँ मिलना और अब तक किसी ठोस कार्रवाई का न होना, प्रशासन की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाएं लोकतंत्र में विरोध की आवाज को दबाने की कोशिश हो सकती हैं। वहीं समर्थक वर्ग और आम लोग भी सोशल मीडिया पर इन धमकियों को लेकर कड़ी निंदा कर रहे हैं और कुशवाहा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।
संभावित कार्रवाई और अगला कदम
उपेंद्र कुशवाहा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में चुप बैठने वाले नहीं हैं और अब कानूनी स्तर पर कठोर कार्रवाई की मांग करेंगे। यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की, तो मामला केंद्रीय एजेंसियों तक पहुंच सकता है।