
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नसीराबाद में एक गांव प्रधान के प्रतिनिधि को पुलिस द्वारा कथित तौर पर अपना थूक चाटने पर मजबूर किया गया। उन पर “अराजकता फैलाने” का आरोप लगाया गया है, जिसकी जांच की जा रही है।
रायबरेली के पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि स्थानीय पुलिस पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। आरोप है कि नसीराबाद के कपूरपुर गांव प्रधान के प्रतिनिधि सुशील शर्मा ने बिना प्रशासनिक अनुमति के एक ‘नौटंकी’ कार्यक्रम का आयोजन किया था। रात में स्थानीय पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची और शर्मा से कार्यक्रम बंद करने को कहा। पुलिस के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान शर्मा और उनके सहयोगियों ने शराब के नशे में लोगों से दुर्व्यवहार किया और अराजकता फैलाई।
शर्मा और उनके सहयोगियों ने पुलिस टीम के साथ भी दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। शर्मा का दावा है कि उन्हें और उनके चार सहयोगियों को स्थानीय थाने में ले जाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उन्हें अपना थूक चाटने पर मजबूर किया गया। साथ ही, शर्मा ने आरोप लगाया कि नसीराबाद एसएचओ शिवकांत पांडे ने उनसे 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।
इसी बीच, राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत देकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

VIKAS TRIPATHI
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